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स्विंग के जादूगर को मिला ‘स्लॉग ओवर’ का झटका, भुवनेश्वर की जमकर पिटाई से चौंके फैंस

भुवनेश्वर कुमार – नाम ही काफी है बल्लेबाज़ों के होश उड़ाने के लिए। स्विंग के उस्ताद, एक ऐसा गेंदबाज़ जो आम तौर पर किफायत का दूसरा नाम माना जाता है। लेकिन यूपी टी20 लीग में एक ऐसा पल आया जब ये ‘कंजूस’ गेंदबाज़ खुलकर रन बांटने लगे – और वो भी अंतिम ओवरों में!

लखनऊ फाल्कन्स बनाम मेरठ मेवरिक्स के मुकाबले में सबको उम्मीद थी कि भुवनेश्वर अपने अनुभव से डेथ ओवर्स में कमाल दिखाएंगे। शुरुआत भी उन्होंने वैसी ही की – पहले तीन ओवरों में महज 20 रन देकर एक विकेट चटकाया। लेकिन फिर आया वो ‘कुख्यात’ 19वां ओवर जिसने मैच का नक्शा ही पलट दिया।

जब ऋतुराज ने उड़ाया ‘भुवी’ का भट्टा

भुवनेश्वर के सामने खड़े थे मेरठ के युवा बल्लेबाज़ ऋतुराज शर्मा, जो पहले से 46 रन पर टिके थे। ओवर की पहली ही गेंद पर छक्का, फिर एक वाइड, और उसके बाद लाइन-लेंथ भूल चुके भुवी के खिलाफ लगातार चार चौके। आखिरी गेंद पर फिर एक दमदार छक्का। ओवर में कुल 29 रन! मेरठ का स्कोर सीधा पहुंचा 233/4 पर।

यह ओवर मानो लखनऊ फाल्कन्स के लिए ‘नॉकआउट पंच’ साबित हुआ।

भुवनेश्वर की फॉर्म पर बड़ा सवाल

भुवी ने पूरे मैच में 4 ओवर में 49 रन खर्च कर सिर्फ 1 विकेट लिया। इस सीजन में अब तक उनके आंकड़े भी सवाल उठाते हैं – 5 मैचों में सिर्फ 4 विकेट और इकॉनमी 8.10 के आसपास। IPL 2026 के रिटेंशन से पहले RCB के लिए भी ये चिंता की बात हो सकती है, क्योंकि इस साल वो उनकी गेंदबाज़ी का अहम स्तंभ रहे हैं।

मेरठ की बल्लेबाज़ी में तूफान: ऋतुराज, रिंकू और स्वस्तिक का धमाल

मेरठ के बल्लेबाज़ों ने गेंदबाज़ों की जमकर धुनाई की।

स्वस्तिक चिकारा ने 31 गेंदों में 55 रन की तेज़ पारी खेली,

रिंकू सिंह ने तो जैसे गेंदबाज़ों पर कहर बरपा दिया – सिर्फ 27 गेंदों में 57 रन,

वहीं ऋतिक वत्स ने 8 गेंदों में 35 रन उड़ाए!

और कप्तान की तरह खेलते हुए ऋतुराज शर्मा 74* रन पर नाबाद लौटे – 5 चौके, 5 छक्के।

लखनऊ की हार: लक्ष्य था बड़ा, दिल था छोटा

233 रन के विशाल लक्ष्य के सामने लखनऊ की टीम घुटनों पर नजर आई। सिर्फ समीर चौधरी (46 रन) थोड़ी लड़ाई लड़ते दिखे, लेकिन बाकी बल्लेबाज़ टिक ही नहीं सके। पूरी टीम 140 रन पर सिमट गई और मेरठ ने 93 रनों से धमाकेदार जीत दर्ज की।

क्या भुवी की चमक फीकी पड़ रही है?

एक मैच सब कुछ तय नहीं करता, लेकिन भुवी जैसे सीनियर खिलाड़ी से उम्मीदें ज़्यादा होती हैं। खासकर जब टी20 की रफ्तार तेज़ हो और अनुभव ही सबसे बड़ा हथियार हो। इस मैच में उनकी चूक ने टीम को भारी कीमत चुकाने पर मजबूर कर दिया। क्या ये बस एक बुरा दिन था या गिरती फॉर्म की दस्तक? वक्त बताएगा।

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