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अहमदाबाद :पुलिस मेरा एनकाउंटर करने निकली थी, इसलिए हुआ गायब

अहमदाबाद : आखिरकार वीएचपी नेता प्रवीण तोगडिय़ा ने खुद यह बात स्वीकार कर ली है कि वह राजस्थान पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए गायब हुए थे। तमाम कयासों के बीच आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवीण तोगडिय़ा ने दावा किया कि राजस्थान पुलिस ने उनके एनकाउंटर की साजिश रची थी, इसलिए वह खुद वीएचपी दफ्तर से गायब हो गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वह हिंदू एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं, इसलिए उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। तेजतर्रार और आक्रामक छवि की पहचान रखने वाले तोगडिय़ा अपनी बात कहते हुए कई बार भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू नजर आ रहे थे।
तोगडिय़ा ने कहा कि देशभर में सामाजिक गतिविधियों के कारण उनपर कई केस लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, मेरे पास उन मामलो की जानकारी भी नहीं है। मुझे अरेस्ट कर के एक जेल से दूसरी जेल भेज कर डराने की कोशिश की जा रही है। ये सिलसिला गुजरात से शुरू हुआ था और मकर संक्रांति के दिन राजस्थान पुलिस का काफिला मुझे गिरफ्तार करने आया। यह हिंदुओं की…मेरी आवाज दबाने के कदमों का एक हिस्सा है।
तोगडिय़ा के मुताबिक, उन्हें राजस्थान पुलिस के आने की जानकारी थी, लेकिन जब उन्हें एक व्यक्ति ने उनके घर में आकर यह बताया कि उनके एनकाउंटर की साजिश रची गई है तो उन्हें शंका हुई। इसके बाद वह अपनी सुरक्षा में तैनात सिक्यॉरिटी को बताकर ऑटो से रवाना हुए थे। तोगडिय़ा कहा कि उन्होंने अपना फोन खुद स्विच ऑफ किया था ताकि पुलिस उनकी लोकेशन न जान सके।
उन्होंने कहा,  मैं सुबह पूजा-पाठ कर रहा था। तभी एक व्यक्ति मेरे रूम में घुसा और कहा कि आप तुरंत घर छोड़ दो, आपका एनकाउंटर करने वाले हैं। मैंने ध्यान नहीं दिया। बाहर दो पुलिस वाले थे। तब तक थोड़ी देर में फोन आया और कहा गया कि 16 पुलिस स्टेशनों से राजस्थान पुलिस का काफिला निकला है गुजरात पुलिस के सहयोग से। मैं तुरंत बाहर निकला। मैंने पुलिसवालों से कहा कि मैं कार्यालय छोडक़र जा रहा हूं। नीचे उतरा ऑटो रिक्शा पकड़ा।
तोगडिय़ा ने दावा किया कि उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से भी बात की। उन्होंने कहा, मैंने राजस्थान की सीएम और गृह मंत्री से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि उनके पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर आपकी गिरफ्तारी की बात होती तो हमें पता होता। इसके बाद मैंने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया।
वीएचपी नेता ने बताया कि उन्होंने इसके बाद वकीलों से संपर्क किया और अरेस्ट वॉरंट को हाई कोर्ट जाकर रद्द करवाने को कहा, लेकिन वकीलों की ओर से कहा गया कि अदालत का आदेश है, कैंसल नहीं होगा। तोगडिय़ा ने कहा, इसके बाद मैंने तय किया कि मैं खुद इसके खिलाफ कोर्ट जाऊंगा। मैं फ्लाइट पकडऩे के लिए एयरपोर्ट की ओर बढ़ा। इस बीच तबीयत बिगड़ गई। चक्कर आने लगा, पसीना आने लगा। इसके बाद मैं बेहोश हो गया। इसके बाद क्या हुआ, मुझे कुछ नहीं पता। यह बात कहते हुए तोगडिय़ा भावुक हो गए। उनकी आवाज़ भरभराने लगी और आंखों में आंसू आ गए।
पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकार तोगडिय़ा से लगातार पूछते रहे कि आखिर उनके खिलाफ साजिश कर कौन रहा है, लेकिन उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। आखिर में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वक्त आने पर वह सबूतों के साथ अपनी बात रखेंगे।
 

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