नईदिल्ली: लोकसभा में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संशोधन बिल पास
लोकसभा में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में संशोधन संबंधी बिल शुक्रवार पास हो गया। यह बिल कोड की खामियों को दूर करने के साथ विलफुल डिफॉल्टर्स को कंपनी की कमान देने पर रोक लगाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक दिन पहले इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (अमेंडमेंट) बिल 2017 को लोकसभा में पेश किया था। बिल में प्रस्तावित बदलाव से खराब कर्ज के लिए खरीदार चुनने करने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। बिल में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल द्वारा दिए गए निमंत्रण के जवाब में कौन-सा व्यक्ति रिजॉल्यूशन प्लान जमा करा सकता है। इसके तहत विलफुल डिफॉल्टर्स, अयोग्य डायरेक्टर्स, प्रमोटर्स या डिफॉल्टिंग कंपनी का मैनेजमेंट या कोई व्यक्ति जो विदेश में ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा हो, रिजॉल्यूशन प्लान जमा नहीं करा सकता है। यानी ये लोग खराब कर्ज वाली कंपनी की कमान अपने हाथ में लेने के लिए आवेदन नहीं कर सकते। गौरतलब है कि बैकरप्सी कोड पिछले साल दिसंबर में लागू किया गया था। इसके तहत कर्ज दबाए बैठी कंपनियों से समयसीमा में कर्ज की वसूली की जा सकती है। इस कोड को कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने लागू किया है।
अर्धसैनिक बलों में भी लागू हो वन-रैंक वन-पेंशन
लोकसभा में कांग्रेस सदस्य ने अर्धसैनिक बलों का नाम बदलकर आंतरिक सुरक्षा बल करने की मांग करते हुए सेना की तरह इनके लिए भी श्वन रैंक, वन पेंशनश् की व्यवस्था लागू करने की वकालात की है। शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अर्धसैनिक बल मुश्किल हालात में काम करते हैं और देश की सेवा करते हैं। ऐसे में इनको अर्धसैनिक बल नहीं कहा जाना चाहिए। रोहतक से लोकसभा सदस्य ने यह भी मांग की कि अर्धसैनिक बलों के लिए भी श्वन रैंक, वन पेंशनश् की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में अर्धसैनिक बल अपने प्राण न्यौछावर करते हैं लेकिन उनको शहीद नहीं कहा जाता। ऐसे में मांग है कि बलिदान देने वाले अर्धसैनिक बलों को भी शहीद का दर्जा दिया जाए।