इस्लामाबाद : भारत के दुश्मन पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ा रहा रूस
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अमेरिकी प्रभाव कम क्या हुआ, रूस ने तुरंत उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया। पाकिस्तान का पुराना विरोधी रहा रूस अब उसके साथ सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक संबंध बना रहा है। माना जा रहा है कि रूस के इस कदम से पाकिस्तान में मौजूद ऐतिहासिक गठबंधन खत्म हो सकता है और मॉस्को की ऊर्जा कंपनियों के लिए एक बड़ा मार्केट तैयार कर सकता है। रूस ने पाकिस्तान की तरफ ऐसे समय में हाथ बढ़ाया है जब अफगानिस्तान में छिड़े युद्ध की वजह से अमेरिका और उसके ऐतिहासिक सहयोगी देशों के बीच संबंध संभल नहीं पा रहे हैं। हालांकि अभी रूस और पाकिस्तान के संबंध और यह निकटता अभी शुरुआती पड़ाव पर हैं, लेकिन चीन भी पाकिस्तान की काफी मदद करता रहा है। अमेरिकी प्रभाव कम होने के बाद चीन ने पाकिस्तान को कई मौकों पर आर्थिक मदद भी थी। अब रूस की तरफ से सैन्य और कई ऊर्जा सौदों की वजह से रूस और पाकिस्तान के दशकों से बेजान पड़े रिश्ते में जान आ गई है।
वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने बताया, यह तो बस शुरुआत है। भविष्य के दरवाजे खोलने के लिए दोनों देशों को पिछली बातों को भुलाकर, मिलकर काम करना होगा। बता दें कि पिछले महीने पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ रूस के दौरे पर भी गए थे जहां दोनों देश आईएसआईएस से लडऩे के लिए मिलिट्री सहयोग पर राजी हुए। पाकिस्तान को जहां एक तरफ चीन का सहयोग मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर अब उसके पुराने दुश्मन रूस ने भी हाथ आगे बढ़ा दिया। ऐसे में यह भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि रूस भारत का दोस्त रहा है। वहीं सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन हमेशा टकराते रहे हैं। ऐसे में रूस द्वारा पाकिस्तान की तरफ हाथ बढ़ाना, पच नहीं रहा है। पाकिस्तान और रूस के संबंधों को लेकर भारत की चिंता तब से रही है जब से रूस और पाकिस्तान ने पिछले साल संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया।