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पटना : बिहार में जारी रहेगी शराबबंदी, हर नशीले पदार्थ पर बैन का इरादा: नीतीश

पटना :  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में शराबबंदी जारी रहेगी और वह चाहते हैं कि राज्य में हर तरह के नशीले पदार्थ पर बैन लगे। हाल ही में राज्य में खैनी पर जल्द ही बैन लगाने का कदम उठाए जाने की खबर आई थी। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आबकारी कानून के सख्त प्रावधानों के दुरुपयोग की शिकायतों पर गंभीर है और इसमें कुछ संशोधन की तैयारी कर रही है। नीतीश कुमार ने कहा कि बड़े सामाजिक सुधार की दिशा में शराबबंदी का कदम उठाया गया था और इसमें सभी प्रकार के मादक पदार्थ मसलन समाज के एक हिस्से में काफी प्रचलित खैनी (तंबाकू का एक प्रकार) को भी शामिल किया जाएगा। वहीं, इस बैन की वजह से जिनकी रोजी-रोटी पर बुरा असर पड़ेगा, उनके हितों को भी सुरक्षित रखा जाएगा।’

आबकारी ऐक्ट के दुरुपयोग की शिकायतें’

पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश ने कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछते हैं कि क्या हमें इस कानून में संशोधन करना चाहिए, तो मेरा जवाब हां है। हालांकि मैं अभी विस्तार से यह नहीं बता सकता कि हमारे कानूनी विशेषज्ञों ने बदलाव के लिए क्या काम किया है। 2 अक्टूबर 2016 को जब हमने नया आबकारी कानून लागू किया था तो यह कहा गया था कि इसके कुछ प्रावधान काफी सख्त हैं। इसके बाद से हम ऐक्ट के दुरुपयोग की शिकायतें सुन रहे हैं।’

बातचीत के दौरान नीतीश ने कहा

बिहार के सीएम ने आगे कहा, ‘हमारा इरादा इस ऐक्ट में यथोचित संशोधन का है और हमने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिस पर अभी सुनवाई होनी है। हमें बताया गया है कि कानून के गलत इस्तेमाल को कम से कम करने के लिए बदलाव लाया जा सकता है। यह काम हम करेंगे। लेकिन शराब पर रोक जारी रहेगी। लोगों को अभी पता नहीं है कि इसका उनके जीवन खास तौर पर गरीब लोगों के जीवन पर कितना असर पड़ रहा है।’

’समाज को नशामुक्त करने का इरादा’

डेप्युटी सीएम सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में लोकसंवाद कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। विपक्षी नेता मुख्य रूप से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी लगातार शराबबंदी को लेकर नीतीश पर निशाना साधते रहे हैं। मांझी का आरोप है कि ऐक्ट के जरिए बेहद गरीब तबके के दलितों को पकड़ कर सजा दी जा रही है।
जब नीतीश से यह सवाल पूछा गया कि क्या राज्य सरकार केंद्र से खैनी को   (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडड्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के फूड प्रॉडक्ट की सूची में शामिल करने का अनुरोध करने जा रही है, तो नीतीश कुमार ने कहा, ‘हम अपने समाज को नशामुक्त (हर तरह के मादक पदार्थ के इस्तेमाल पर रोक) करना चाहते हैं।’

’तंबाकू की खेती करने वालों के लिए विकल्प’

नीतीश ने इस दौरान कहा, ‘हमें यह अच्छी तरह मालूम है कि राज्य में बहुत से लोगों की रोजी-रोटी तंबाकू की खेती पर निर्भर है। हम उनको दूसरी फसलों की खेती का विकल्प देने के लिए अभियान चलाने वाले हैं। समाज सुधार के उद्देश्य के साथ ही हम इस कदम से उनको किसी तरह की तकलीफ होने की इजाजत नहीं सकते। नीतीश ने इसके लिए शराबबंदी से पहले ताड़ी और देसी शराब के निर्माण में लगे समुदायों की मिसाल दी।

बिहार के सीएम ने कहा कि रोजी-रोटी के विकल्प के रूप हमने उनके लिए योजनाएं चलाईं। नीतीश से जब पूछा गया कि उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी के शासन वाले कई राज्यों में शराबबंदी की राह में रुकावट आ रही है, तो उन्होंने कहा कि ऐसा कदम उठाना आसान नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा, ‘जब मैं सबसे पहले यह प्रस्ताव (शराबबंदी) लेकर आया था तो मेरी आलोचना हुई थी। लेकिन में आलोचना की परवाह न करते हुए आगे बढऩा जारी रखा। हालांकि बहुत से लोग ऐसे कड़े कदम उठाने का जोखिम नहीं लेना चाहते। ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले आपको काफी गहराई और मजबूत इरादा दिखाना होता है।’

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