रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक और आध्यात्मिक चिंतक श्री कृष्णारंजन (स्वामी शांतानंद) के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। भगवताचार्य कृष्णारंजन महाराज का कल अपने गृहनगर राजिम में निधन हो गया। डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर में जारी शोक संदेश में कहा कि श्री कृष्णारंजन के निधन से छत्तीसगढ़ के साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आकाश के एक तेजस्वी सितारे का अंत हो गया। साहित्य मनीषी श्री कृष्णारंजन का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री ने कहा-श्री कृष्णारंजन ने महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र संगम राजिम की अपनी कर्मभूमि में कई दशकों तक साहित्य साधना करते हुए कविताओं के साथ-साथ कई शोधपूर्ण आलेख भी लिखे। उन्होंने अपने शोध निबंधों और आलेखों के जरिए छत्तीसगढ़ के पौराणिक और सांस्कृतिक इतिहास को देश और दुनिया के सामने लाने का सराहनीय कार्य किया। डॉ. रमन सिंह ने कहा-महानदी घाटी की सभ्यता पर आधारित श्री कृष्णारंजन के कई शोध आलेख काफी चर्चित हुए। इतना ही नहीं, बल्कि स्वर्गीय श्री कृष्णारंजन ने अपनी रचनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए जनमत निर्माण में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। ज्ञातव्य है कि स्वर्गीय श्री कृष्णारंजन और संत कवि स्वर्गीय श्री पवन दीवान ने साथ मिलकर अपनी साहित्य साधना के जरिए तीर्थनगरी राजिम को छत्तीसगढ़ का साहित्यिक तीर्थ बना दिया था। लगभग चार दशक पहले स्वर्गीय श्री कृष्णारंजन ने ’बिम्ब’ और स्वर्गीय श्री पवन दीवान ने ’अंतरिक्ष’ नामक साहित्यिक पत्रिकाओं का राजिम में सम्पादन और प्रकाशन शुरू किया था।