
कांकेर : जिले में प्रति वर्ष जनवरी के प्रथम रविवार को मड़ई-मेला का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार मड़ई-मेले का आयोजन कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं होगा। पहली बार ऐसा होगा कि मड़ई-मेला का आयोजन नहीं होगा, इससे पहले ऐसा कभी भी देखा नही गया है।
यह सर्व विदित है कि कांकेर ही नहीं पूरे बस्तर संभाग में मड़ई-मेले की परंपरा रियासत काल से चली आ रही है, फसल की कटाई के बाद जहां ग्रामीण अंचलों से मड़ई-मेले में अपने क्षेत्र के देवी-देवताओं को आमंत्रित कर उनकी पूजा-अर्चना कर सुख समृध्दि का आशिर्वाद प्राप्त किया जाता है।प्रशासन ने सिर्फ पूजा-पाठ की छूट दी है। मड़ई-मेले का आयोजन कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं होगा।