बसना विधानसभा की जनता नाम नहीं काम देखती है,यहां बड़े-बड़े औंधे मुंह गिर जाते हैं
बसना विधानसभा
नमस्कार दोस्तों एक बार फिर आपका स्वागत है फोर्थ आई न्यूज पर, दोस्तों हमें लगातार कमेंट के माध्यम से आपकी डिमांड मिल रही है, करीब-करीब पूर छत्तीसगढ़ से आप हमें कमेंट कर अपनी विधानसभा का विश्लेषण करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हम अपने सीमित संसाधनों में जितना अच्छा प्रयास हो सकता है, वो करने की कोशिश कर रहे हैं । और जल्द ही हम पूरी 90 विधानसभाओं का विश्लेषण आपके लिए कर लेंगे ।
फिलहाल हम आज बात करेंगे छत्तीसगढ़ की बेहद अहम सीट मानी जाने वाली बसना विधानसभा की. जहां जहां की जनता का मिजाज बदलता रहा है और शुरूआत करेंगे साल 2003 से.
साल 2003 में, बसना विधान सभा क्षेत्र में कुल 129445 मतदाता थे। कुल वैध मतों की संख्या 100008 थी। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉ. त्रिविक्रम भोई जीते और विधायक बने। उन्हें कुल 29385 वोट मिले। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार महेंद्र बहादुर सिंह कुल 26982 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 2403 वोटों से हार गए।
और जैसा की हमने आपको पहले ही बताया, कि बसना की जनता के दिल में बसना थोड़ा कठीन काम है, जनता को अगर लगता है कि किसी ने उसके साथ छलावा किया है, तो वो उस विधायको को बदलने में देर भी नहीं लगती । और साल 2003 में जनता ने जिस महेंद्र बहादुर सिंह को हराया था, उसे साल 2008 में जीत का ताज पहना दिया ।
साल 2008 में, बसना विधान सभा क्षेत्र में कुल 175618 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 138877 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र बहादुर सिंह जीते और इस सीट से विधायक बने। उन्हें कुल 52145 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रेमशंकर पटेल कुल 36238 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 15907 वोटों से हार गए।
फिर आया साल 2013, जिसमें जनता ने फिर बाजी पलट दी और कांग्रेस को हराकर एक बार फिर भाजपा की प्रत्याशी को जिताकर विधानसभा पहुंचा दिया ।
साल 2013 में बसना विधानसभा क्षेत्र में कुल 189414 मतदाता थे। कुल वैध मतों की संख्या 159255 थी। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार रूपकुमारी चौधरी जीतीं और विधायक बनीं। उन्हें कुल 77137 वोट मिले। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र बहादुर सिंह कुल 70898 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 6239 मतों से हार गए।
यहां का वोटर जैसा कि अपना मिजाज बदलता रहता है और नजारा एक बार फिर तब देखने को मिला, जब साल 2018 एक बार फिर कांग्रेस के प्रत्याशी देवेंद्र बहादुर ने जीत का परचम लहरा दिया ।
2018 में बसना विधानसभा क्षेत्र में कुल 204420 मतदाता थे। वैध मतों की कुल संख्या 175405 थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र बहादुर सिंह जीते और इस सीट से विधायक बने। उन्हें कुल 67535 वोट मिले। निर्दलीय उम्मीदवार संपत अग्रवाल कुल 50027 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह 17508 वोटों से हार गए।
कुल मिलाकर बसना की जनता के दिल में वही बस सकता है जो उसकी समस्याओं को समझे, लेकिन पिछले चार चुनावों की बात करें, तो ऐसा कोई विधायक नहीं बना जिसे जनता ने लगातार दो बार चुना हो, और इस लिहाज से देखा जाए तो इस बार भाजपा की जीत संभावनाएं बन सकती हैं ।