छत्तीसगढ़बड़ी खबरेंरायपुर

वो युवा नेता जो राजेश मूणत से सीधे लेता था लोहा,उन्हीं की सीट में लहराया अपना परचम

क्या अगली बार फिर चलेगा जादू,या पार्टी से कटेगा टिकट?

नमस्कार दोस्तों फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है दोस्तों वैसे तो हमारे छग में कई युवा नेता हैं जो अपने अंदाज़ अपनी लोकप्रियता के चलते आज काफी अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके हैं यह युवा नेता एक विशाल जन समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और सरकार में भी युवाओं की पकड़ के लिए अपनी मैम मजबूत पहचान स्थापित कर चुके हैं मगर ऐसा नहीं है कि इन्हें सब कुछ एक रात को मिल गया इसके पीछे इनका एक नंबर संघर्ष रहा है आज हम आपको एक ऐसे ही संघर्षशील युवा नेता के बारे में बताने जा रहे हैं यह युवा नेता जो कभी छात्र राजनीति के चमकते हुए सितारे थे आज एक बड़ी विधानसभा केक का प्रतिनिधित्व करते हैं और इनका नाम है विकास उपाध्याय।

जी हां कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय रायपुर की पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक हैं यह वही विधानसभा सीट है जहां से बीजेपी के राजेश मूरत अपराजित योद्धा माने जाते थे लेकिन यह अपराजित योद्धा भी साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के युवा नेता विकास उपाध्याय द्वारा पराजित कर दिए गए अगर आप जानना चाहते हैं चुनाव में क्या समीकरण थे और कितनी लीड्स विकास उपाध्याय ने यह सीट अपने नाम की थी तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं बहरहाल हम आगे बढ़ते हैं और आपको विकास उपाध्याय के संघर्ष की कहानी बताते हैं शुरुआत उनके जन्म से करते हैं ।विकास उपाध्याय का जन्म 5 नवंबर 1975 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होनें पोस्ट ग्रेजुएशन तक कि शिक्षा प्राप्त की है। उनके परिवार में कोई भी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं था। लेकिन वह अपने स्कूल के समय से ही राजनीति के प्रति आकर्षित थे और उनका रुझान राजनीति की ओर ज्यादा था वह अपने समय में छात्र राजनीति में क्रांतिकारी उत्साह के साथ एक तेजतर्रार आदर्शवादी के रूप में जाने जाते थे।

विकास उपाधयाय 1994 में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ NSUI में शामिल हुए। वे NSUI ब्लॉक, रायपुर के अध्यक्ष बने, कॉलेज इकाई के अध्यक्ष के रूप में चुने गए और NSUI के जिलाध्यक्ष बने। वे राष्ट्रीय समिति में सचिव, एनएसयूआई के रूप में शामिल हुए। उन्हें राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश राज्यों का प्रभार दिया गया था। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य के लिए NSUI के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।

विकास उपाध्याय को साल 2009 में भारतीय युवा कांग्रेस राष्ट्रीय समिति में सचिव के रूप में शामिल किया गया था। इस दौरान उन्होंने पंजाब, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ राज्यों की यात्रा की।

अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के सचिव के रूप में एक वर्ष के बाद, उन्हें अप्रैल 2010 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया जब राजीव सातव भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उन्हें दिल्ली, गुजरात और दमन दीव का प्रभार दिया गया था।

भारतीय युवा कांग्रेस में अपनी अवधि के दौरान, उन्होंने मध्य प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, दादर और नगर हवेली, दमन दीव, उड़ीसा, कर्नाटक राज्यों में काम किया। असम, चंडीगढ़ और त्रिपुरा उनमें अहम हैं।

साल 2010 के बाद से लेकर साल 2017 तक विकास उपाध्याय कांग्रेस की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो चुके थे कांग्रेस का कोई भी कार्यक्रम हो अधिवेशन हो या कोई भी आंदोलन विकास उपाध्याय का चेहरा हर जगह जाता था ना सिर्फ युवा नेताओं में उनकी मजबूत पकड़ थी बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी हो तालमेल स्थापित करके रखते थ उस समय राजधानी रायपुर के गांधी चौक स्थित कांग्रेस भवन में बैठकर हुआ करती थी विकास उपाध्याय भी उस बैठक में जाया करते थे वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन लेते मध्यप्रदेश के मुद्दों को गहराई से समझने की कोशिश करते और फिर बतौर विपक्ष नेता आंदोलन करने में जुट जाते।

साल 2017 की बात है जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव को मुश्किल से 1 साल का समय बचा था उस समय रायपुर पश्चिम से दावेदारी करते हुए विकास उपाध्याय का नाम कांग्रेस की तरफ से आया यह बात लेकिन बीजेपी ने बहुत हल्के मिली बीजेपी का मानना था कि राजेश मीणा कितने लंबे समय तक इस विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं ऐसे में कोई आज का नेता कैसे उनके खिलाफ स्पीड में उतर कर टक्कर ले सकता है और यही अति आत्मविश्वास बीजेपी को ले डूबा कांग्रेस ने रायपुर पश्चिम विधानसभा से विकास उपाध्याय को टिकट दी बीजेपी ने हमेशा की तरह अपने उम्मीदवार राजेश मूरत को बरकरार रखा और जब नतीजे आए तो यह बेहद चौंकाने वाले थे।

राजेश मूणत एक बड़ी मार्जिन के साथ ही चुनाव हार चुके थे और पश्चिम विधानसभा के विधायक विकास उपाध्याय के हाथ चली गई थी विकास उपाध्याय की मेहनत ही थी जनता ने उन्हें आशीर्वाद दिया क्योंकि उस समय विकास उपाध्याय छोटे-छोटे बड़े से बड़े मुद्दों को लेकर अकेले ही आंदोलन की बागडोर विधानसभा सीट पर संभालते थे जनता से सीधे संवाद स्थापित करना उनकी जीत का सबसे बड़ा कारण स्थापित हुआ था जब तीसरी बार यहां से विधायक चुने गए थे तब गया था और वह जनता से सरोकार से काफी दूर हो चुके थे और यही उनकी हार का सबसे बड़ा कारण ही माना गया।

दोस्तों आज विकास उपाध्याय रायपुर पश्चिम विधानसभा से विधायक हैं गृह निर्माण मण्डल के सचिव हैं और ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस इस चुनाव में भी उन्हें टिकट दे सकती है और अगर वह अच्छी लेट से जीते हैं तो बहुत मुमकिन है कि सरकार रिपीट होने पर उन्हें मंत्रिमंडल में भी स्थान मिल सके लेकिन दोस्तों क्या आप भी शिक्षक रखते हैं या आप मानते हैं कि इस बार विकास उपाध्याय का जादू पहले की तरह नहीं चल पाएगा और उनकी कार्यशैली को किस तरह से देखते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button