वाशिंगटन : पुतिन के शपथ ग्रहण पर डॉनल्ड ट्रंप ने दी बधाई
वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चौथी बार रूस के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के लिए व्लादिमिर पुतिन को बधाई दी। वाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने सोमवार को अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, राष्ट्रपति ने उन्हें बधाई दी, और ऐसा समय आने की कामना की, जब रूस के साथ हमारे संबंध और बेहतर हो सकें। हालांकि, अमेरिका का मानना है कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने और अपनी बात रखने का अधिकार है।
सोमवार को अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, राष्ट्रपति ने उन्हें बधाई दी
सारा ने यहां एक बार फिर दोहराया कि डेमोक्रेटिक पार्टी 2016 राष्ट्रपति चुनाव में मिली हार के लिए रूसी हस्तक्षेप को बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह सोचते हैं कि संबंधों की बेहतरी का विचार आगे बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, तथ्य यह है कि डेढ़ साल बाद भी, ज्यादातर समय बीत जाने के बाद इसे लेकर बात कर रहे हैं। यह भी मानते हैं कि यह 2018 के चुनाव प्रभावित कर सकता है।
2 ) लंदन : 17 स्पर्म डोनर्स से 500 बच्चे, सता रहा है फॉल्टी जीन का खतरा
लंदन : 17 ब्रिटिश स्पर्म डोनर ने 500 से ज्यादा बच्चों को जन्म दिया है। ये आंकड़े एक रिपोर्ट में पेश किए गए हैं। ऐसे में अब डर सता रहा है कि इससे दर्जनों युवाओं में फॉल्टी जीन का प्रभाव हो सकता है। इसका मतलब है कि एक-दूसरे के संबंध के बारे में बगैर जाने भाई-बहन भी संबंधों में रह सकते हैं। ह्यूमन फर्टिलाजेशन ऐंड एम्ब्रायॉलजी अथॉरिटी के आंकड़ों का कहना है कि 1991 से 2015 के बीच 17 से स्पर्म डोनर 500 से ज्यादा बच्चों के पिता हैं। आंकड़ों को समझें तो एक व्यक्ति करीब 20 से 29 बच्चों का पिता है।
17 ब्रिटिश स्पर्म डोनर ने 500 से ज्यादा बच्चों को जन्म दिया है
हालांकि इन स्पर्म डोनर का एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी, सीजेडी, सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी गंभीर बीमारी का टेस्ट किया जाता है। लेकिन इन स्पर्म डोनर के जीन की जांच नहीं की जाती जो कुछ मामलों में कैंसर और अल्जाइमर के रोग को बढ़ावा दे सकता है। द चैरेटी ओवेरियन कैंसर ऐक्शन का कहना है कि यदि स्पर्म डोनर्स के परिवार में किसी को कैंसर हो तो ही इनके जीन की जांच की सकती है।
कैंसर और अल्जाइमर के रोग को बढ़ावा दे सकता है
ओवेरियन कैंसर ऐक्शन के प्रमुख मेरी-क्लेरी प्लैट ने डेली टेलिग्राफ को बताया, वंशानुगत कैंसर की जांच किए बगैर डोनर बगैर जानकारी के ही गंभीर बीमारी को ट्रांसफर कर रहे हैं, जिससे ओवेरियन और ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका रहती है। यह उन जोड़ों के लिए बड़ी चिंता का विषय है, जो इन बच्चों को अपनाने वाले हैं। प्लैट ने कहा, हम अथॉरिटी से मांग करते हैं कि वे डोनर के जेनेटिक कैंसर की भी जांच करें,
ताकि भविष्य में किसी बच्चे को ऐसी गंभीर बीमारी का सामना न करना पड़े।
2013 की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि एक व्यक्ति के स्पर्म से पैदा हुए 50 प्रतिशत बच्चों में कैंसर के लक्षण पाए गए। फर्टिलिटी पार्टनरशिप के क्लिनिकल डॉक्टर जोफ ट्रयू का कहना है कि उन्हें लगता है कि आने वाले समय में स्पर्म डोनर के लिए टेस्टिंग और कड़ी की जाएगी।