सचिन पायलट को ‘औकात’ दिखाने आतुर हैं अशोक गहलोत ?

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच दूरियां, तमाम प्रयासों के बावजूद दिखाई दे ही जाती हैं । अशोक गहलोत अब किसी भी हालात में सचिन पायलट के साथ समझौता करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं । गहलोत न उन्हें सत्ता का केंद्र बनने देना चाहते हैं और न ही उनके समर्थकों की मांगों को तबज्जो देते हैं, दरअसल सचिन पायलट समर्थक 3 विधायकों ने उनकी आवाज को विधानसभा में दबाने का आरोप लगाया था । उन्होने विधानसभा में एससी, एसटी और माइनोरिटी के विधायकों को बिना माइक की सीटें देकर आवाज दबाने की बात कही थी ।जिसके बाद राजस्थान की सियासत गरमाई हुई है । पायलट समर्थक रमेश मीणा, मुरारी मीणा और वेदप्रकाश सोलंकी अब भी मुखर होकर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं । इस विवाद को उठे 5 दिन भले हो गए ।
लेकिन मुख्यमंत्री और उनका खेमा इसे तवज्जो नहीं देने की रणनीति पर चल रहे हैं । फिलहाल विधानसभा की बैठने की व्यवस्था भी जस की तस है। विधानसभा का बजट सत्र की अब करीब सात बैठकें और होनी है । और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के एक नेता ने साफ कहा कि बजट सत्र में बैठने की व्यवस्था जस की तस रहेगी । चलते सत्र में मंत्रियों-विधायकों की सीटों में कोई बदलाव नहीं होगा । रमेश मीणा और उनके साथी पायलट समर्थक विधायकों के सदन में और बाहर एससी, एसटी और माइनोरिटी के साथ भेदभाव के आरोपों को इग्नोर करने की रणनीति बनाई है । यही वजह है कि तीनों विधायकों की तल्ख बयानबाजी के बावजूद मुख्यमंत्री खेमे के किसी मंत्री-विधायक ने खुलकर न बयान दिया न खंडन किया ।
आपको बता दें कि रमेश मीणा ने जब 10 मार्च को विधानसभा में सीट आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया उसके अगलने ही दिन सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा था कि रमेश मीणा का गुस्सा शांत किया जाएगा। साथ ही जोशी ने कहा था कि कोविड की वजह से सदन में बैठने की व्यवस्था इस तरह की है ताकि सब दूर दूर बैठें, इस वजह से 50 सीटों पर माइक नहीं हैं। उसके बाद महेश जोशी दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मिलकर भी आ गए।
अब महेश जोशी पूरे प्रकरण में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से ही बच रहे हैं। महेश जोशी के इस विवाद से दूरी बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह कांग्रेस की रणनीति है, जिसके तहत पायलट समर्थक विधायकों के आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं देने का फार्मूला अपनाकर विवाद टालने की कवायद है। मतलब साफ है अशोक गहलोत अब सचिन पायलट और उनके समर्थकों को उनकी ‘औकात’ दिखाने के रास्ते पर चल रहे हैं ।