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कांग्रेसियों सावधान !, Madhya Pradesh, Rajathan, Chhattisgarh के लिए, PM Modi का है बड़ा प्लान

देश में पीएम नरेंद्र मोदी को मौजूदा राजनीति का चमकता हुआ चेहरा कहा जाए तो गलत नहीं होगा. ये उनके चेहरे का ही करिश्मा है, जो पूरे देश में भाजपा का परचम लहरा रहा है. इस वक्त देश में दो ही तरह के लोग नजर आते हैं. एक वे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक, या कट्टर समर्थक हैं, जिन्हें उनके विरोधी मोदी भक्त कहते हैं.

दूसरे वे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोर विरोधी है. यहां आप ये भी ध्यान रख लीजिये. कि इन दोनों तरह के लोगों में, कलाकार, व्यापारी, यहां तक की मीडिया भी शामिल है. तो आज हम उनके इस करिश्माई नेतृत्व का भाजपा किस तरह से फायदा उठाने जा रही है. उसी के बारे में बात करने जा रहे हैं,

दरअसल मौजूदा राजनीति पर नजर डाली जाए, तो देश में फिलहाल मोदी से बड़ा कोई चेहरा नहीं दिखता है, ये बात भाजपा में ऊपर से नीचे तक हर कोई जानता है. लिहाजा पूरी भाजपा भी अब उनके पीछे आकर खड़ी हो गई है. यही वजह है, कि चार राज्य उत्तर  प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में मिली शानदार जीत के बाद, अब BJP ने इस साल के आखिर और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्लानिंग शुरू कर दी है.

और य भी करीब-करीब साफ है, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में साल 2023 में जब चुनाव होंगे. तो विरोधियों का मुकाबला भाजपा के स्थानीय नेता नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाला है. यानि आने वाले चुनावों में BJP का चेहरा PM नरेंद्र मोदी ही होंगे.

बताया ये जा रहा है कि, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह, और राजस्थान में वसुंधरा राजे के नाम पर पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी. इन राज्यों में नई पीढ़ी को आगे लाने पर काम किया जा रहा है. चुनाव के बाद CM का चेहरा सामने लाया जाएगा. BJP ने नवंबर 2022 में गुजरात, हिमाचल और 2023 में होने वाले चुनावों की पूरी strategy तैयार कर ली है.

पहले बात मध्यप्रदेश के मामा की करते हैं. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार तीन टर्म CM रह चुके थे। दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में चौहान BJP को सत्ता के दरवाजे तक नहीं पहुंचा पाए। BJP चंद सीटों से कांग्रेस से पीछे रह गई थी, जिसके चलते 17 दिसंबर 2018 को मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बन गई थी ।

सवा साल बाद ही BJP ने सियासी गणित के जरिए कमलनाथ सरकार गिरा दी, जिसके बाद मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान चौथी बार CM बने हैं । अब BJP मध्य प्रदेश में नया नेतृत्व विकसित करना चाह रही है। पार्टी के भीतर यह भी चर्चा है कि शिवराज सिंह चौहान को कभी भी केंद्र की राजनीति में लाया जा सकता है, जिससे मध्य प्रदेश में भावी पीढ़ी के लिए नेतृत्व को तैयार करने में मदद मिले। क्योंकि जब तक मध्य प्रदेश में शिवराज रहेंगे, नया नेतृत्व विकसित करना संभव नहीं होगा।

वैसे भी मध्य प्रदेश BJP के लिए बेहद महत्वपूर्ण राज्य है, जिसे किसी भी सूरत में भाजपा खोना नहीं चाहती है. वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो, ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से BJP में आए हैं, तब से उनका कद लगातार बढ़ता जा रहा है। उनका हर व्यक्ति किसी न किसी पद पर बैठा हुआ है।

बात अब राजस्थान की करें तो, दिसंबर 2013 में प्रचंड बहुमत से राजस्थान में सरकार बनाने वाली BJP को, दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में, हार का सामना करना पड़ा था। छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में मोदी के नाम पर BJP को शानदार जीत मिली.

राज्य की 25 सीटों पर BJP ने कब्जा कर लिया था। कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पिछले दो दशक से राजस्थान BJP में वसुंधरा का दबदबा रहा है, लेकिन अब पार्टी राजस्थान में नया नेतृत्व तलाश रही है। वसुंधरा के समर्थक उन्हें CM चेहरा घोषित करने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह साफ संकेत दे भी चुके हैं कि 2023 का विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। किसी शख्स को चुनाव में चेहरा नहीं बनाया जाएगा।

      वहीं साल 2023 के अंत में जहां चुनाव होना है, वो है छत्तीसगढ़. यहां रमन सिंह 2004 से लेकर नवंबर 2018 तक लगातार तीन टर्म CM रहे. लेकिन  दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में BJP को हार का सामना करना पड़ा. हार भी इतनी बुरी हुई, कि अब कभी भी पूर्व सीएम रमन सिंह का नाम शीर्ष नेतृत्व आगे नहीं लाना चाहेगा.  ऐसे में BJP अब छत्तीसगढ़ में किसी नए चेहरे को सामने लाना चाहती है, जो पार्टी के लिए लंबी पारी खेल सके.

हालांकि साल 2018 में भी मोदी और अमित शाह ने इस रणनीति पर काम करने की कोशिश की थी. लेकिन उस वक्त तीनों जगह ही मुख्यमंत्रियों के विरोध की वजह से उनकी ज्यादा नहीं चल पाई थी. लेकिन इन तीनों राज्यों में, भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था. लिहाजा इस बार न तो शिवराज, न वसुंधरा, और न ही रमन सिंह शीर्ष नेतृत्व का विरोध करने की स्थिति में है. लिहाजा माना यहा जा रहा है कि अब ये तीनों कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे. ऐसे में ये बात साफ है, कि विधानसभा चुनाव तो मोदी के नेतृत्व में ही होगा। और चुनाव नतीजे आने के बाद ही नया चेहरा सामने लाया जाएगा।

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