रायपुर : आरबीआई गवर्नर के निर्देशों के अनुसार 10 रूपये के सिक्के जनसुविधा की दृष्टि से आम जनता के लिए जारी किए गए थे। साथ ही शासकीय-अशासकीय संस्थानों सहित बाजार में बैठे व्यापारियों को भी लेन देन में दस रूपये का सिक्का लेने की हिदायत दी गई थी, बावजूद इसके आरबीआई से अधिसूचित शासकीय-अशासकीय बैंकों द्वारा इन दिनों खातेदारों से दस रूपये की चिल्हर जमा नहीं की जा रही है। अनेक बैंकों ने नगद काउंटर पर दस रूपये चिल्हर जमा न करने के निर्देश लिखित में काउंटर पर चस्पा किए हैं।
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बैंकों द्वारा खुलेआम राजकीय मुद्रा का अपमान किए जाने से अनेक खातेदार नाराज हैं। ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा दस रूपये का सिक्का लेने से साफ इंकार किया जाता है। फूटकर होटल, पान ठेले सहित गुमटी लगाकर व्यवसाय करने वाले भी दस रूपये का सिक्का नहीं ले रहे हैं। यही स्थिति बस एवं आटो में सफर करने वाले यात्रियों को रोजाना झेलनी पड़ रही है। आम लोगों में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है।
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गौरतलब है कि हाल ही में विधानसभा चुनाव में कुछ प्रत्याशियों द्वारा नामांकन भरने के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दस रूपये के चिल्हर जमा कर चुनाव लडऩे की अनुमति ली गई थी। सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ. सुरेश तिवारी ने बैंक कर्मियों के रवैय्ये पर तीखी टिप्पणी करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारियों से भी बैंककर्मियों द्वारा अपने आप का ओहदे से बड़ा समझने पर वित्त मंत्रालय को मामला तत्काल संज्ञान में लेकर आरबीआई के गवर्नर को दस रूपये के सिक्के के संबंध में तत्काल चिल्हर बैंक काउंटरों में लिए जाने के निर्देश देने की मांग की है। एसबीआई, सेन्ट्रल बैंक, महाराष्ट्र बैंक, पंजाब नेशनल बैंक सहित अनेक बैंक के खातेदारों ने दस रूपये का चिल्हर जमा करने के दौरान काउंटर में बैठे व्यक्ति से यह कहते हुए कि चिल्हर गिनने का उनके पास टाईम नहीं है कहकर उन्हें वापस भेजा है।