बस्तर को महाराष्ट्र से जोड़ेगा नया हाईवे, कुतुल से नीलांगुर तक 152 करोड़ की सड़क निर्माण योजना को मंजूरी

रायपुर। बस्तर अंचल और महाराष्ट्र को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी के निर्माण कार्य को नई रफ्तार मिल गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने कुतुल से महाराष्ट्र सीमा स्थित नीलांगुर तक 21.5 किलोमीटर हिस्से के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस सड़क के निर्माण के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले ठेकेदार के साथ अनुबंध की प्रक्रिया शर्तों सहित पूरी करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर के प्रमुख अभियंता को दिए गए हैं।
यह सड़क तीन खंडों में निर्मित की जाएगी और निर्माण कार्य के लिए लगभग 152 करोड़ रुपए की न्यूनतम टेंडर दर को सरकार ने मंजूरी दी है।
कुतुल, जो नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित है, से लेकर नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक की दूरी 21.5 किलोमीटर है। यह खंड नेशनल हाईवे 130-डी का हिस्सा है और इसका निर्माण टू-लेन पेव्ड शोल्डर के साथ किया जाएगा।
एनएच-130डी, जो लगभग 195 किलोमीटर लंबा है, एनएच-30 का स्पर रूट है। यह मार्ग कोण्डागांव से शुरू होकर नारायणपुर, कुतुल, नीलांगुर होते हुए महाराष्ट्र के आलापल्ली तक जाता है, जहाँ यह एनएच-353डी से जुड़ता है। इस सड़क के बन जाने से बस्तर अंचल को प्रत्यक्ष राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
इस हाईवे का कोण्डागांव से नारायणपुर तक का 50 किमी हिस्सा निर्माणाधीन है। नारायणपुर से कुतुल तक की दूरी भी 50 किमी है, और वहाँ से नीलांगुर तक 21.5 किमी की दूरी शामिल है। 122 किमी का यह हिस्सा छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर आता है। यह सड़क नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षित और तेज यातायात की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
अबूझमाड़ क्षेत्र में इस परियोजना के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और निर्माण की अनुमति मिल चुकी है, जिससे इस महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। यह सड़क बस्तर के सामाजिक और आर्थिक विकास में प्रेरक शक्ति साबित होगी और विकास के नए द्वार खोलेगी।



