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5 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा नकली बाबा! पूजा के बहाने की थी सुनियोजित लूट, मुंबई से हुआ गिरफ्तार

बलरामपुर-रामानुजगंज पुलिस ने 2020 में हुई एक शातिर लूटकांड के मास्टरमाइंड को आखिरकार दबोच ही लिया। मुख्य आरोपी संजय कुमार मिश्रा, जो बीते पांच वर्षों से फरार था, को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने पहचान छुपाकर महानगर की भीड़ में खुद को छुपा रखा था, लेकिन अत्याधुनिक तकनीक और पुलिस की लगातार निगरानी ने उसे ढूंढ निकाला।

क्या था मामला?

10 दिसंबर 2020 को शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम शंकरगढ़ निवासी रूपेश कुमार अग्रवाल ने अपने घर पर शांतिपाठ के लिए कुछ बाबाओं को बुलाया था। पूजा के दौरान थाली में रखे गए थे चांदी की मूर्तियां और ₹1.71 लाख नकद।

बाबाओं के कहने पर ये पूजा सामग्री नदी में विसर्जन के लिए ले जाई गई, लेकिन वहां पूरी योजना के तहत पीड़ित को धक्का देकर गिरा दिया गया और सोने की चेन, नकद रुपये व मूर्तियों को लेकर आरोपी फरार हो गए।

अब तक की कार्रवाई

मामले में पहले आशुतोष सिंह नामक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है।

उसके पास से नकदी, एक स्कॉर्पियो कार, मोबाइल और अन्य सामान जब्त किया गया था।

अब मुख्य आरोपी संजय मिश्रा को पकड़कर बलरामपुर लाया गया और न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया।

पुलिस टीम की बड़ी कामयाबी

इस कार्रवाई में निरीक्षक जितेंद्र जायसवाल, सहायक उपनिरीक्षक रफैल तिर्की, आरक्षक अशोक गोयल और सुखलाल सिंह की अहम भूमिका रही।

पुलिस की इस कामयाबी से न सिर्फ एक पुराने केस में न्याय की दिशा में बढ़ा कदम, बल्कि समाज में नकली बाबाओं के खिलाफ भी एक चेतावनी बनी है।

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