रायपुर : बीजापुर में विकास की दस्तक – धुर माओवाद प्रभावित क्षेत्र के सात गांवों में पहली बार लगा मेगा हेल्थ कैंप

बीजापुर जिले के धुर माओवाद प्रभावित सात गांवों में पहली बार मेगा हेल्थ कैंप आयोजित किया गया। 989 ग्रामीणों ने लिया स्वास्थ्य जांच और उपचार का लाभ। स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच अब दूरस्थ इलाकों तक।
कभी माओवाद की छाया में सिमटे बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के इन्द्रावती नदी पार बसे गांवों में अब विकास की नई सुबह दिखने लगी है।
छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति 2025 के सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर नजर आने लगे हैं। बड़ी संख्या में माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद प्रशासन ने पहली बार सात गांवों में एक साथ मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया।
इस पहल ने ग्रामीणों के जीवन में उम्मीद और विश्वास की नई किरण जगा दी है।
सात गांवों में लगा हेल्थ कैंप
इस विशेष अभियान में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उसपरी, बेलनार, सतवा, कोसलनार, ताड़पोट, उतला और इतामपार गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाए।
कुल 989 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
जांच के प्रमुख आंकड़े:
- सामान्य जांच – 777
- रक्तचाप – 371
- मुख कैंसर – 344
- ब्रेस्ट कैंसर – 112
- नेत्र जांच – 199
- दंत जांच – 154
- टीकाकरण – 14
- संपूर्ण टीकाकरण – 8
- मलेरिया – 156
- क्षय रोग – 7
- उल्टी-दस्त – 24
कुल जांच में 54 वरिष्ठ नागरिक भी शामिल रहे।
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने किया उपचार, मुफ्त दवाइयों का वितरण
कैंप में बीमार ग्रामीणों का मौके पर ही उपचार किया गया और मुफ्त दवाइयों का वितरण किया गया।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने एक बालक को हृदय रोग से ग्रस्त पाया, जिसे चिरायु योजना के तहत उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
शिशु रोग विशेषज्ञ अनुरूप साहू और बी.एस. साहू ने बताया कि अब दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो रही हैं, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।
ग्रामीणों में अब भय की जगह विश्वास और आशा का माहौल दिखने लगा है। वे शासन और प्रशासन से जुड़कर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के प्रति सजग हो रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिबद्धता – अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे सुविधा
बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बधाई देते हुए कहा कि शासन के निर्देशानुसार प्रशासन अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए संकल्पित है।
उन्होंने बताया कि नियद नेल्लानार योजना के तहत अंदरुनी क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आई है और प्रशासन की टीमें पूरी तत्परता से काम कर रही हैं।
इससे बीजापुर में अब सकारात्मक बदलाव स्पष्ट नजर आने लगे हैं।
विकास की नई पहचान – माओवाद नहीं, मुख्यधारा और प्रगति
बीजापुर में आयोजित यह हेल्थ कैंप न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि अब इस क्षेत्र की पहचान माओवाद नहीं, बल्कि विकास और मुख्यधारा से जुड़ाव होगी।


