छत्तीसगढ़रायपुर

विधानसभा में जोरशोर से उठा राजिम कुंभ कल्प मेले को बंद किये जाने का मामला

रायपुर

विधानसभा के प्रथम सत्र के चौथे दिन राजिम कुंभ कल्प मेले को बंद किए जाने का मामला जोरशोर से उठा. भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मामले को उठाते हुए मेले को बंद किये जाने की वजह पूछी? जब विधेयक पेश करते हुए कुंभ कल्प मेला किया गया था. इस पर संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मेला बंद नहीं हुआ है. हमने उसका नाम माघी पुन्नी मेला किया है. साहू ने कहा कि राजिम में माघी पुन्नी मेला सैकड़ों साल से चल रहा था. पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल में नाम बदला था. हम जन भावना को देखते राजिम कुम्भ मेले को उसके मूल स्वरुप में लाये हैं. गजेटियर में भी इस बात का उल्लेख है कि राजिम में माघी पुन्नी मेला लगता रहा है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नाम को लेकर कभी कोई कानून नहीं था. कुम्भ को लेकर अपनी महत्ता है. पुराणों में ये कहा गया है कि राजिम की मान्यता प्रयागराज की तरह है. कुम्भ शब्द से इतनी आपत्ति क्यों है? राजिम के महत्व को लेकर क्या जानकारी है कि स्कंद पुराणों में राजिम को लेकर क्या कहा गया है? अजय चन्द्राकर ने कहा है कि उद्देश्यों के कथन में आपने लिखा था कि यह शास्त्र अनुकूल नहीं है.जब यह लिखा है मतलब यही है कि आपने नाम बदलने के लिए जो संशोधन पेश किया था तब इसकी जानकारी ली थी.

अमितेष शुक्ला ने कहा कि शंकराचार्य आपके कुंभ को नहीं मान रहे है, तो हम क्यों माने? संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि जब मंदिर शुरू हुआ. मेला शुरू हुआ तब क्या चुनाव होते थे. रायपुर गजेट 1909 में इसका उल्लेख है कि राजिम में माघी पुन्नी मेला होता रहा है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button