छत्तीसगढ़बड़ी खबरेंरायपुर

प्रशासन की अपील, वन्य प्राणियों के साथ सेल्फी के चक्कर में अपनी जान जोखिम में न डालें

वन विभाग द्वारा आम नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य लोगों से अपील करते हुए कहा है कि वन्य प्राणी जैसे, तेंदुआ, जंगली सूअर, लकड़बग्घा, बायसन, बाघ, सोन कुत्ता, जहरीले सांप या अन्य प्रकार के सांप, सियार, चीतल, बायसन, वन भैंसा, सांभर, बार्किंग डियर, नीलगाय, आदि, की मानव आवासीय क्षेत्र में आ जाने की सूचना मिलती है, तो तत्काल उपलब्ध कराएं, ताकि जान-माल और वन्य प्राणी की सुरक्षा की जा सके तथा वन्य प्राणी को रेस्क्यू कर सफलतापूर्वक जंगलों में वापस छोड़ा जा सके।

विभाग द्वारा बायसन या अन्य वन्य प्राणियों के आगे सेल्फी अथवा वीडियो बनाने के चक्कर में जान जोखिम में नहीं डालने की भी अपील की गई है। इसके साथ ही जिला स्तर पर वन मंडल द्वारा मनुष्य एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। जागरूक नागरिक वन विभाग को सूचित कर मानव-वन्य प्राणी द्वंद से बचाव के लिए सहयोग कर जान-माल की हानि होने से बचाने में सहभागी बन सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि वन क्षेत्रों में मानवीय बसाहट, अतिक्रमण, अवैध कटाई, अवैध उत्खनन, वन्य प्राणियों का अवैध शिकार तथा मानव विकास के लिए जंगलों का गैर वानिकी कार्य में व्यावर्तन के चलते वन्य प्राणियों के लिए प्राकृतिक आवास और प्राकृतिक संसाधन सीमित होते जा रहे हैं। इसके चलते वन्य प्राणी वनों से निकलकर मानवीय बसाहट वाले क्षेत्रों में आए दिन भटक कर आ जाते हैं, जिससे मानव-वन्य प्राणी द्वंद  की स्थिति निर्मित होती है।

इस द्वंद में कभी मनुष्य की जान चली जाती है, तो कभी वन्य प्राणी की जान चली जाती है। कभी फसल की हानि होती है, तो कभी संपत्ति का नुकसान होती है। ऐसे में प्राकृतिक संतुलन के साथ-साथ बहुत से सुनियोजित विकास कार्यों की और सावधानियों की आवश्यकता है, जिसमें मानव-वन्य प्राणी द्वंद को कम से कम किया जा सके।

कवर्धा जिले के डीएफओ ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी वन्य प्राणी जैसे, तेंदुआ, जंगली सूअर, लकड़बग्घा, बायसन, बाघ, सोन कुत्ता, जहरीले सांप या अन्य प्रकार के सांप, सियार, चीतल, बायसन, वन भैंसा, सांभर, बार्किंग डियर, नीलगाय, आदि, की मानव आवासीय क्षेत्र में आ जाने की सूचना हेतु कवर्धा वन मंडल के वन्य प्राणी रेस्क्यू सेल का कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। 

बायसन आ जाए तो क्या करें –     गांव के आसपास गौर या बायसन दिखने अथवा हमला करने की स्थिति में तुरंत वन विभाग को सूचित करें। गौर द्वारा हमला किए जाने पर घायल व्यक्ति को तुरंत निकटतम चिकित्सालय में लेकर जाएं। गौर शर्मिला जानवर होता है। यह दूर से देखकर हमला नहीं करता। बायसन के दिखने पर इससे दूरी बनाए रखें।

गौर के समूह के नजदीक ना जाएं एवं इसके आसपास भीड़ ना लगाएं। मादा गौर अपने बच्चों के साथ हो तो अधिक आक्रमक होती है। अतः ऐसी स्थिति में सतर्क रहें। गौर भोजन तथा पानी की तलाश में जंगल से भटक कर रहवासी क्षेत्र में आते हैं।

अतः तालाब आदि के किनारे देखे जाने पर इन्हें अनावश्यक परेशान ना करें। वह स्वयं ही पानी पीकर जंगलों में वापस लौट जाते हैं। गौर के दिखाई देने पर उसे कुछ भी खिलाने का प्रयास ना करें। गौर के झुंड अथवा अकेले रहने पर उसे घेर कर मारने अथवा पकड़ने का प्रयास ना करें। गौर के आगे सेल्फी लेने या वीडियो बनाने के चक्कर में जान जोखिम में ना डालें। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button