छत्तीसगढ़कांकेर

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने दिया धरना

कांकेर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ जिला शाखा में अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया है। संघ ने केन्द्र सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने मांग की है।

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री ने उनके लिए कई घोषणाएं की थी, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1500 रुपये देने, सहायिका को 750 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 1250 रुपये प्रतिमाह मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा की गई थी। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से इस राशि का एरियस के साथ जल्द भुगतान करने की मांग की है।
09 नवंबर 2018 के जनघोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्र को नर्सरी स्कूल में उन्नयन करने की बात कही थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शिक्षक का दर्जा देने के साथ मानदेय दिए जाने की भी मांग की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के सेवानिवृत होने पर पेंशन, ग्रेच्यूटी, समूह बीमा योजना का लाभ देने की मांग की है।

श्रम कानून अनुसार न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये लागू करने की भी मांग की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाएं को नियुक्ति की तारीख से समान वेतन देने की मांग, वरिष्ठता के आधार पर वेतन वृद्धि की मांग, सुपरवाइजर भर्ती में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उम्र का बंधन हटाने की मांग,तत्कालीन भाजपा सरकार ने संघ की मांग पर सेवानिवृत होने वाले कार्यकर्ता को पचास हजार और सहायिकाओं को 25 हजार रुपये एक मुश्त भुगतान करने की मांग, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केन्द्रों में तब्दील करने की मांग की है।

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