
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को अपने निवास कार्यालय में हल्बा आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के दौरान बड़ी घोषणा की। उन्होंने आदिवासियों के आस्था के केन्द्र बड़ेडोंगर और अमर शहीद गैंद सिंह की कर्मस्थली परलकोट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शहीद गैंद सिंह की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
सीएम बघेल ने हल्बा आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की मैदानी स्थिति की जानकारी ली। उनसे आदिवासी समाज के उत्थान और क्षेत्र के विकास के संबंध में सुझाव मांगे। इस दौरान लोकसभा सांसद दीपक बैज, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया भी उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचलों में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए सरपंचों के माध्यम से उनके क्षेत्र के नदी-नालों में वाटर रिचार्जिंग के लिए नरवा योजना के अंतर्गत प्रस्ताव तैयार कराए जाएं। इससे इन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी और भू-जल स्तर भी बढ़ेगा। नदी-नालों में वाटर रिचार्जिंग के लिए नरवा योजना प्रारंभ की गई है। छत्तीसगढ़ में लगभग 30 हजार नाले हैं। इन पर एनीकट, स्टाप डेम सहित छोटी-छोटी संरचनाएं बनाकर जल संवर्धन और संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। इस साल लगभग 1200 नालों में संरचनाएं बनाई गई है। इससे लगभग 2 लाख एकड़ में सिंचाई सुविधा मिल रही है। चर्चा के दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने वनांचल क्षेत्र के नदी-नालों पर एनीकट निर्माण कराने का आग्रह किया था। सीएम बघेल ने प्रतिनिधमंडल से यह आग्रह भी किया कि वे अपनी सामाजिक बैठकों में जरूरतमंद मरीजों के इलाज, बच्चों की शिक्षा और लोगों को रोजगार से जोड़ने जैसे विषयों को प्राथमिकता के साथ शामिल करें। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को वन अधिकार मान्यता पत्र दिलाने के लिए समाज को भी प्रयास करना चाहिए। लोकसभा सांसद दीपक बैज, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने भी प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित किया।