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भारत के दवाब में झुका चीन, 10 भारतीय जांबाज सैनिकों को किया रिहा

नईदिल्ली, पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प के बाद चीन ने दस भारतीय सैनिकों को बंदी बना लिया था. दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह टकराव गलवान घाटी में हुआ जहां 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए ।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जिन दस सैनिकों की रिहाई हुई है, उनमें कम से कम दो अधिकारी शामिल हैं । ये सभी गुरुवार शाम को भारतीय सीमा में वापस आ गए। भारत-चीन के बीच झड़प के बाद पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए जारी मेजर जनरल स्तर की बातचीत के बाद सैनिक रिहा किए गए हैं।

हालांकि, सैनिकों की रिहाई पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि हिंसक घटना के बाद कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है।

गलवान घाटी में मंगलवार से लेकर गुरुवार तक के बीच में दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की तीन राउंड की बातचीत के बाद दस सैनिको को चीन ने भारत को वापस भेजा है। कारू स्थित मुख्यालय 3 इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट और उनके चीनी समकक्ष ने गुरुवार को तीसरी बार मुलाकात की थी।

दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की बैठकें गलवान घाटी में हिंसा के बाद पैदा हुए तनाव को कम करने को लेकर चल रही हैं । गुरुवार को हुई तीसरी बातचीत सकारात्मक बिंदुओं पर तो खत्म हुई है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।

दोनों देशों के सैन्य अधिकारी तनाव को कम करने के लिए आज भी बातचीत जारी रखेंगे। सूत्रों ने कहा कि चीन के साथ और अधिक सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई । इसे आगे भी लेकर जाने पर सहमति बनी है।

दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में जख्मी सभी भारतीय जवानों की हालत स्थिर है और वे जल्द ही अपनी ड्यूटी पर वापस लौट जाएंगे। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि किसी भी जवान की हालत गंभीर नहीं है, वे सभी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं ।

18 जवानों का इलाज सेना के लेह अस्पताल में चल रहा है और वे करीब 15 दिनों में अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौट जाएंगे। वहीं, 58 जवान दूसरे अस्पतालों में भर्ती हैं और वे 7 दिनों के भीतर ही अपना कार्य संभाल लेंगे।

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