
रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के व्यापारियों और उद्योगों को ई-वे बिल से एक बड़ी राहत दी है। इस सिलसिले में राज्य शासन द्वारा अधिसूचना यहां जारी कर दी गई। यह अधिसूचना तत्काल प्रभावशील हो गई है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी के प्रावधानों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर 50 हजार रूपए से ज्यादा के माल परिवहन के लिए ई-वे बिल जनरेट करने का प्रावधान एक जून 2018 से लागू किया गया था।
इसके बाद राज्य के व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से यह अनुरोध किया था कि प्रदेश में व्यापार और उद्योग जगत को राहत देने के लिए ई-वे बिल प्रणाली सिर्फ कुछ वस्तुओं पर ही लागू की जाए और एक जिले के भीतर होने वाले माल परिवहन को इससे छूट दी जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उनकी इस मांग पर वाणिज्यिक – कर मंत्री श्री अमर अग्रवाल के साथ सहानुभूतिपूर्वक विचार-विमर्श किया और छत्तीसगढ़ के वाणिज्य और उद्योग जगत के व्यापक हित में उन्हें ई-वे बिल से राहत देने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयुक्त राज्य कर द्वारा मुख्य केन्द्रीय कर – आयुक्त से चर्चा की गई।
इसके बाद आयुक्त राज्य कर द्वारा यह अधिसूचना आज यहां जारी कर दी गई। इस अधिसूचना के बाद ई-वे बिल में राहत से प्रदेश के व्यापारी अधिक आसानी से अपना करोबार कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि रमन सरकार ने राज्य के भीतर माल परिवहन पर ई-वे बिल प्रणाली सिर्फ पन्द्रह वस्तुओं में लागू करने का निर्णय लिया है,
जिनमें खाद्य तेल, कनफेक्शनरी, पान मसाला, तम्बाकू उत्पाद, प्लाईवुड, टाईल्स, आयरन एण्ड स्टील, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक माल, मोटर पार्टस, फर्नीचर, फुटवियर, बेवरेजेस और सीमेंट आदि शामिल हैं। राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है
कि एक जिले के अन्दर माल का परिवहन होने पर किसी भी वस्तु के संबंध में ई-वे बिल जेनरेट करने की जरूरत नहीं होगी। यह भी उल्लेखनीय है कि जिन वस्तुओं के संबंध में ई-वे बिल रखा गया है, उनमें भी ई-वे बिल जनरेट करने की तभी होगी, जब भेजे जाने वाले माल की कीमत 50 हजार रूपए से ज्यादा हो।