ग्लेनमार्क वयस्कों में अनियंत्रित टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए भारत में लोबग्लिटाजोन लॉन्च करने वाली पहली फार्मास्युटिकल कंपनी बनी
रायपुर। प्रमुख इनोवेशन ड्रिवन ग्लोबल फार्मास्युटिकल कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (ग्लेनमार्क), वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज़ के इलाज के लिए भारत में थायाझोलीडीनडायोन लोबेग्लिटाज़ोन (लोबेग्लिटाज़ोन) लॉन्च करने वाली पहली कंपनी बन गई है। इस दवा की मार्केटिंग एलओबीजी ब्रांड नाम के अंतर्गत की जाएगी। इस दवा में लोबेग्लिटाज़ोन (0.5 मिलीग्राम) होता है और वयस्क डायबिटीज़ रोगियों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार के लिए, प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर, दिन में एक बार लिया जाता है।
भारतीयों में इंसुलिन-प्रतिरोध काफी अधिक है, इसलिए एलओबीजी अनियंत्रित टाइप 2 डायबिटीज़ के प्रबंधन के लिए इंसुलिन-प्रतिरोधी डायबिटीज़ रोगियों के लिए एक आकर्षक उपचार विकल्प है। ग्लेनमार्क को भारतीय ड्रग रेग्युलेटर, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से लोबेग्लिटाज़ोन के निर्माण और मार्केटिंग के लिए मंजूरी मिली थी, जो कि 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्क टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों पर किए गए रैंडम, डबल-ब्लाइंड चरण 3 क्लिनिकल ट्रायल पर आधारित है।
इस ट्रायल में लोबेग्लिटाज़ोन को तेज़ी से और बेहतर ग्लाइसेमिक नियंत्रण करते पाया गया है।
लॉन्च के अवसर पर, आलोक मलिक, ईवीपी एवं बिजनेस हेड- इंडिया फॉर्म्युलेशंस, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कहा, “इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन के अनुसार, भारत में 7.4 करोड़ वयस्क लोग डायबिटीज़ से प्रभावित हैं, जिनमें से लगभग 40% मरीज इंसुलिन प्रतिरोधी लगते हैं। डायबिटीज़ के इलाज के लिए भारत में एक अग्रणी समाधान प्रदाता के रूप में, हमें एलओबीजी पेश करते हुए गर्व हो रहा है।
एलओबीजी बिल्कुल नई और सस्ती दवा है, जो देश में अनियंत्रित टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित वयस्क रोगियों में इंसुलिन-प्रतिरोध से निपटने में मदद करेगी।” भारत में ग्लेनमार्क और डायबिटीज दवा क्षेत्र में ग्लेनमार्क की एक मजबूत विरासत है और ग्लेनमार्क डायबिटीज रोगियों के लिए नए और प्रभावी उपचार विकल्प प्रदान करता रहा है। 2015 में ग्लेनमार्क डीपीपी4 इन्हिबिटर – टेनेलिग्लिप्टिन को लॉन्च करने वाले पहली कंपनी बनी और इसके साथ ही ग्लेनमार्क ने भारत में डायबिटीज उपचार में क्रांति ला दी।
इसके बाद इसने टेनेलिग्लिप्टिन + मेटफॉर्मिन का एक फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन पेश किया। इसके अलावा, अपनी विरासत की निरंतरता को बरकरार रखते हुए, ग्लेनमार्क ने भारत में वर्ष 2019 में एक नई दवा एसजीएलटी-2 इन्हिबिटर रेमोग्लिफ्लोज़िन को इसकी पहली वैश्विक स्वीकृति मिलने के बाद लॉन्च किया और बाद में मेटफॉर्मिन और विल्डाग्लिप्टिन के साथ इसके कॉम्बिनेशन को लॉन्च किया।
अगस्त 2022 को समाप्त हुई, 12 महीने की अवधि के लिए आईक्यूवीआईए™ (IQVIA™) सेल्स डेटा के अनुसार, भारत में ओरल डायबिटीज़-रोधी दवाओं का बाजार, पिछले वर्ष की इसी अवधि (एमएटी अगस्त 2021) के मुकाबले 7% की वार्षिक वृद्धि के साथ, 11,725 करोड़ रूपए होने का अनुमान है। इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन (आईडीएफ) के अनुसार, भारत में वर्ष 20451 तक डायबिटीज़ के मरीजों की संख्या 12.5 करोड़ हो जाने का अनुमान है, जिनमें 77 फीसदी रोगी अनियंत्रित डायबिटीज से ग्रसित होंगे। इसके अलावा भारत में हर दस में से चार डायबिटीज रोगी इंसुलिन-प्रतिरोधी होते हैं।