
रायपुर : केन्द्र सरकार की अंतिम घर तक बिजली पहुंचाने के लिए चलाई गयी ‘सौभाग्य’ योजन वंचित तबके के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना से उन घरों में रात में रोशनी जल रही है जहां के लोगों ने सपने में भी बिद्युत कनेक्शन प्राप्त करने की बात नहीं सोची थी। खास बात यह है कि आदिवासी बस्तियों में भी अब रात में घरों में बिजली की रोशनी जल रही है। बुधवार को मीडियाकर्मियों की एक टीम ने रायपुर जिले के अभनपुर विकास खंड के गातापार गांव पहुंचकर ‘सौभाग्य’ योजना की हकीकत को जाना।
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मीडियाकर्मियों को गांव की सरपंच श्रीमती सावित्री कोसरे और उप सरपंच जनक कुमार ने बताया कि सौभाग्य योजना आने के बाद उनके गांव में एक भी परिवार ऐसा नहीं है जिसके घर तक बिजली न पहुंची हो। इस योजना के तहत लोगों के घरों में कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने के साथ ही एक बोर्ड, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट और एक एलईडी बल्ब निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। गांव में मौजूद विद्युत विभाग के अधीक्षण यंत्री एके गौरहा ने बताया कि गातापार में सौभाग्य योजना के तहत 29 परिवारों को बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि बीपीएल परिवारों को यह कनेक्शन निशुल्क प्रदान किया गया है।
एपीएल श्रेणी के परिवार के लोगों के लिए 500 रुपए लेकर कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। इस राशि को भी यदि उपभोक्ता चाहे तो वह 50 रुपये की 10 किस्तों में अदा कर सकता है। उन्होंने बताया कि विकास खंड अभनपुर में अब तक सौभाग्य योजना के तहत 3400 परिवार के लोगों को बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि विद्युत विभाग के कर्मचारी गांव-गांव शिविर लगाकर ऐसे परिवारों को ढूंढ-ढूंढकर विद्युत कनेक्शन प्रदान कर रहे हैं जहां तक अभी बिजली नहीं पहुंची थी।
प्रतिक्रिया
सौभाग्य योजना मेरे परिवार के लिए वरदान साबित हुई है। मैने कभी नहीं सोचा था कि मेरे घर में भी बिजली की रोशनी पहुंचेगी। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभारी हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं।
भीमसेन धु्रव, लाभार्थी
गातापार गांव में सभी परिवारों के पास बिजली का कनेक्शन है। एक भी परिवार ऐसा नहीं है जहां बिजली चोरी किये जाने की शिकायत हो। गांव के लोग पूरी तरह से विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति सहयोगात्मक रुख अख्तियार करते आ रहे हैं।
केतकी सेना, पंच
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