
रायपुर जिले में कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण डॉ. एस. भारतीदासन के मार्गदर्शन में केन्द्र परवर्तित कार्यक्रम पढऩा-लिखना अभियान के तहत् असाक्षरों एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के चिन्हांकन का कार्य किया जा रहा है।
इसी तारतम्य में आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं उपाध्यक्ष जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण डॉ. गौरव कुमा सिंह ने नगरीय साक्षरता से संबंधित दल प्रभारियों एवं उनके सहयोगियों के साथ कहा कि इस अभियान में दो लोग सबसे महत्वपूर्ण है। पहले पन्ने वाले असाक्षर दूसरे उन्हें पढऩे वाले स्वयंसेवी कार्यकर्ता।
ये दोनों ही पढऩा-लिखना अभियान की रीढ़ है। अत: इनके चिन्हांकन का कार्य सही तरह से किया जाना आवश्यक है। चूॅकि इस अभियान में असाक्षरों को पढ़ाने वाले स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं को कोई मानदेय नहीं दिया जायेगा। अत: इनके चयन में सावधानीबरतना जरूरी है। यदि इनका चिन्हांकन सही तरह से कर लिया जाता है तो आप आधी लड़ाई आरंभ में ही जीत जाते है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं एवं कर्मचारियों को 26 जनवरी के अवसर पर उनके कार्य को रेंखांकित करते हुए सम्मानित करेंगे।
इस अवसर पर जिला परियोजना अधिकारी डॉ. कामिनी बावनकर तथा विकासखण्ड धरसींवा के नोडल अधिकारी लोकेश वर्मा ने सर्वेक्षण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला।
जिला सहायक परियोजना अधिकारी चुन्नी लाल शर्मा ने अभियान के सम्बंध में सभी को सारगर्भित जानकारी दी तथा धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला के दौरान वार्डनोडल अधिकारी श्रीमती नमिता वास्तव एवं विकास भास्कर उपथित थे।