छत्तीसगढ़महासमुंद

स्वयं कुपोषित बच्चों को गोद लिया और अधिकारियों को भी किया प्रेरित.

 महासमुंद । सरायपाली अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी हेमंत नंदनवार के सकारात्मक पहल से मात्र 2 महीनों में छह गंभीर कुपोषित बच्चे कुपोषण के कुचक्र से बाहर निकल आए हैं। उनके द्वारा समाज में व्याप्त कुपोषण को गंभीरता से लेते हुए यह अभियान चलाया गया। अनुविभाग के अन्य अधिकारी उन्होंने अधिकारी कर्मचारियों को भी इस अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। फलस्वरूप 54 ऐसे बच्चों का चिन्हांकन किया गया जो गंभीर कुपोषित थे।

नंदनवार के नेतृत्व में और सामूहिक प्रयास से मात्र 2 महीने की अवधि में ही 6 बच्चे गंभीर कुपोषण से बाहर निकल आए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी ने बताया कि ग्राम सेमलिया के नोसी , छूईपाली के रूबी, खरखरी के साईं ,सरायपाली के आशी,बोड़सरा के जितेश और लखनपाली के यश सुपोषित हो गए हैं।

सभ्य समाज मे बच्चो में ब्याप्त कुपोषण एक सामाजिक अभिशाप है। जिसके कारण कुपोषित बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से पिछड़ जाते हैं। कुपोषण को दूर करने एवं सामाजिक चेतना लाने हेतु आई ए एस अनु अधिकारी राजस्व, सरायपाली हेमन्त नन्दनवार, के नेतृत्व मे विकासखण्ड सरायपाली के 56 बच्चों को कुपोषण मुक्त करने हेतु स्वयं एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारी कर्मचारियो को गोद दिलाकर उन्हे सुपोषित करने का अभियान में मई 2023 से छेड़ा गया। इसके तहत् महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हाकित कुपोषित बच्चों को स्वैच्छिक रूप से गोद लेने हेतु अधिकारी कर्मचारियो को प्रेरित किया गया।

संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियो द्वारा प्रतिमाह बच्चो के घर गृह भेंट कर उनके पालको को स्वस्थ्य एवं पोषण संबंधित परामर्श दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा संबंधित कुपोषित बच्चो के घर डाईट चार्ट (कुपोषित बच्चो को दिये जाने आहार की सूची) चस्पा किया गया तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक द्वारा प्रति सप्ताह बच्चों का वजन लिया जाकर आवश्यक परामर्श दिया गया। आई ए एस अनु अधिकारी राजस्व नंदनवार सरायपाली के निर्देश पर कुपोषित बच्चो का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरायपाली में स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया तथा कुपोषित बच्चो को आवश्यक दवाई उपलब्ध करायी गई। अभियान में समन्वित प्रयास के फलस्वरूप 6 बच्चे अति गंम्भीर कुपोषण से बाहर आये।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button