जगदलपुर : बस्तर संभाग के नक्सली हिंसा से ग्रस्त दक्षिणी क्षेत्र दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा सहित सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से शिक्षा के अद्भूत प्रकाश का उद्भव हुआ है और इन शिक्षा के दीपों के क्षेत्र में विकास की नई रोशनी भी भविष्य में दिखने लगेगी। यह शिक्षा का दीप अभी हाल में देशभर की मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित नीट परीक्षा का परिणाम से जला है। नीट परीक्षा के इस परीक्षा में दंतेवाड़ा के छू लो आसमान के 31 बच्चों ने क्वालीफाई किया है। 7 सालों में पहला ऐसा मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में मेडिकल के अध्ययन के लिये बच्चों ने अपनी निपूणता दिखाई है।
नई रोशनी भविष्य में दिखने लगेगी
प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें छात्रों की संख्या 26 है। इस संबंध में छू लो आसमान संस्थान का कहना है कि कुछ बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई कर चिकित्सक बन क्षेत्र की सेवा करेगी। छू लो आसमान के 31 बच्चों में से 26 छात्रों का चयन हुआ है जबकि छात्राओं की संख्या 5 है। दोनों ही संस्थाओं के कुल 104 बच्चों ने इस साल नीट की परीक्षा दी थी। जिन 31 बच्चों ने क्वालीफाई किया है, इनमें इंद्रावती नदी पार गांव पाहुरनार का छात्र मानकलाल भी शामिल है।
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इसके साथ ही सुकमा जिले के चिंगावरम, दुब्बा टोटा, बीजापुर जिले के पुसनार, दंतेवाड़ा जिले के छोटे गुडरा, धुरली जैसे अंदरुनी गांवों के बच्चे भी शामिल हैं। इस संबंध में दक्षिण बस्तर के प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा है कि उन्होंने कहा कि बच्चों को हरसंभव मदद दी जाएगी। इस संबंध में यह भी विशेष तथ्य है कि दंतेवाड़ा जिले को एजुकेशन हब बनाने की शासन की कोशिशें रंग ला रही है और यहां से पढऩे वाले विद्यार्थी अपनी प्रवीणता का प्रदर्शन भी कर रहे हैं। इस प्रकार शिक्षा के प्रचार-प्रसार से न केवल इस क्षेत्र में जागृति आयेगी वरन क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा। तथा शांति व सहअस्तित्व के साथ जनता रह सकेगी।