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कवर्धा : मलेरिया प्रकोप से फतह की कगार पर कबीरधाम

कवर्धा : बरसात में मलेरिया के प्रकोप बढऩे के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बचाव हेतु तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए गाँव-गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है ,साथ ही साथ बचाव के लिए मच्छरदानी वितरण व डीडीटी छिडक़ाव भी कराया जा रहा है। विभाग द्वारा की जा रही तमाम बचाव सम्बन्धी तैयारियों की जानकारी गत दिनों आयोजित बैठक में कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा ली गई व बचाव हेतू आवश्यक दिशानिर्देश उनके द्वारा दी गई। जनजागरुकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार विविध माध्यमों से करने के लिए भी श्री शरण द्वारा विभाग को निर्देशित किया गया है।

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उल्लेखनीय है कि गत सत्रों में जिले में लगातार मलेरिया के धनात्मक प्रकरणों में तेजी से कमी आई है। गत सत्र में जनवरी 2017 से जून 2017 तक 59211 लोगों का मलेरिया जांच किया गया जिसमें से 1168 प्रकरण धनात्मक पाए गए थे, जबकि वर्तमान सत्र में जनवरी2018 से जून2018 तक के डेटा पर नजर डालें तो 69242 लोगों का जांच किया गया जिसमें से 396 लोग मलेरिया से पीडि़त पाए गए। स्पष्ट है कि जांच बढऩे के बावजूद मलेरिया प्रकरण में कमी आई है। धनात्मक प्रकरण सम्बन्धी यह आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों में काफी घटा है।

69242 लोगों का जांच किया गया

इस सम्बंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के गजभिए ने बताया कि चूंकि बोड़ला और पंडरिया विकासखण्ड मलेरिया के लिए सर्वाधिक संवेदनशील हैं , इसलिए इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनवरी 2018 से जून 2018 तक 69242 लोगों का मलेरिया जांच किया गया जिसमें 396 प्रकरण मलेरिया घनात्मक मिले, इनमे से 146 प्रकरण बोड़ला और 235 प्रकरण पंडरिया के हैं। उन्होंने बताया कि यही कारण है कि बोड़ला में 62736 और पंडरिया में 83441 विशेष दवायुक्त मच्छरदानी का वितरण कराया गया है।

 146 प्रकरण बोड़ला और 235 प्रकरण पंडरिया के हैं

उन्होंने बताया कि गत 16 अप्रैल से 29 जून तक पंडरिया और बोड़ला के गॉंवों को लक्ष्य करके डीडीटी का छिडक़ाव करवाया गया। डीडीटी छिडक़ाव का द्वितीय चक्र 1 जुलाई से आरम्भ किया गया है और आगामी 30 सितम्बर तक बोड़ला के 91 और पंडरिया के 196 गांवों में छिडक़ाव किया जाएगा। डॉ गजभिए ने बताया कि जहां मलेरिया के घनात्मक प्रकरण मिले वहाँ घर-घर भ्रमण कर ज्वरग्रस्त लोगों की जांच कर उपचार किया जा रहा है। बाज़ार दिवसों में उपस्वास्थ्य केन्द्र में सहायक चिकित्सा अधिकारियों द्वारा क्लिनिक लगाया जा रहा है साथ ही चिकित्सा अधिकारियों को भी छात्रावासों में साप्ताहिक स्वास्थ्य जांच एवं उपचार करने के निर्देश दिए गए हैं।

बोड़ला के 91 और पंडरिया के 196 गांवों में छिडक़ाव किया जाएगा

उन्होंने बताया कि मलेरिया से निपटने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अलावा छात्रावास अधीक्षकों और बटालियन के जवानों को भी आर डी किट से रक्त परीक्षण करने की ट्रेनिंग दी गई है साथ ही साथ आदिवासी विकास विभाग को भी मांग अनुरूप आर डी किट स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदाय किया जाता है। इसके अतिरिक्त समस्त स्वास्थ्य केंद्रों, मितानिनों के पास मलेरिया की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। जिला एवं विकाशखण्ड स्तर पर समय-समय में दल गठित कर इसकी मॉनिटरिंग भी कराई जाती है।

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डॉ गजभिए ने बताया कि जिलाचिकित्सालय में आने वाले मलेरिया के प्रकरणों पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है, ऐसे मरीजों के गांव में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से रेपिड फीवर सर्वे कराया जा रहा है ताकि मलेरिया के प्रकरणों को बढऩे से रोका जा सके।

कबीरधाम में मच्छरों का प्रकोप है

कीट वैज्ञानिक डॉ चयनिका नाग के नेतृत्व में जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में कीट जांच किया जाता है। इसके लिए संवेदनशील चिन्हांकित क्षेत्रों के मच्छरों का सैंपल जांच कर पता लगाया जाता है कि किस प्रकार के मच्छरों का प्रकोप है। इसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में बचाव कार्य किये जाते हैं। डॉ नाग के साथ सर्वे दल में जयन्त कुमार व्ही.बी.डी. सलाहकार , सुरुचि देवांगन व्ही.बी.डी. टेक्निकल सुपरवाइजर भी शामिल हैं।

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