IBC24 की लेबर कोर्ट में 17 मार्च को पेशी, पीड़ित पत्रकार को मिल चुकी है, झूठे केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी

रायपुर, ‘पत्रकार’ नाम सुनने में जितना पावरफुल लगता है, उतना है नहीं । वे दूसरों की लड़ाई तो फिर भी लड़ सकते हैं, लेकिन अपनी या अपनों की लड़ाई, लड़ने में उनका दिमाग शून्य हो जाता है । आंखों के आगे करियर और परिवार मंडराने लगता है । और ये बात मीडिया हाउस अच्छे से जानते हैं । शायद यही वजह है कि भले ही वो कितना भी बड़ा पत्रकार हो, कंपनी जब चाहे अपने दफ्तर की सीढ़ियां चढ़ने पर भी प्रतिबंध लगा सकती है । और इसमें छोटे संस्थान ही नहीं आईबीसी24 जैसे बड़े संस्थान भी शामिल हैं ।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल सिंतबर 2017 में पीड़ित पत्रकार को बिना कोई वजह बताए घर से बुलाकर टर्मिनेशन का लेटर थमा दिया गया था, वो भी उस वक्त जब वह महज एक घंटे पहले ही ऑफिस से अपनी शिफ्ट पूरी कर घर पहंचा था । जिसके बाद करीब साढ़े तीन साल से पीड़ित पत्रकार कोर्ट में केस लड़ रहा है । इसी मामले में 17 मार्च को फिर पेशी है ।
मिल चुकी हैं जान से मारने की धमकियां
कोर्ट में केस दाखिल करने करने को लेकर पीड़ित पत्रकार को IBC24 के मौजूदा एक्जीक्टिव एडिटर अंशुमान शर्मा का रिश्तेदार जो कि खुद पत्रकार है । वह कभी भी ट्रक के नीचे आने की धमकी रायपुर के प्रेस क्लब में दे चुका है । इसके साथ ही IBC24 के क्राइम रिपोर्टर ने भी झूठे केस में कभी भी फंस जाने की धमकी दी थी । जिसके बारे में पीड़ित पत्रकार ने IBC24 के प्रबंधन को उस वक्त व्हाटसअप पर लिखित में सूचना दे दी थी, इसके साथ ही कोर्ट को भी इस बात से अवगत करा दिया था ।
कोर्ट का फैसला होगा मंजूर – पीड़ित पत्रकार
पीड़ित पत्रकार को बदनाम करने की इस दौरान लगातार कोशिशें की जाती रहीं । ईमेल को भी कई बार हैक करने की कोशिश हुई । बावजूद इसे पीड़ित ने साढ़े तीन साल से इस लड़ाई को अबतक जारी रखा है। और कोर्ट का फैसला आने तक इस लड़ाई को जारी रखने का फैसला किया है ।
कई पत्रकार पहले भी जलील कर निकाले जा चुके हैं
IBC24 में वैसे तो कई बड़े पत्रकारों को नियमों की परवाह किये बिना, जलील कर कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाता रहा है । लेकिन दूसरी कंपनियों के दरवाजे बंद न हो जाएं, लिहाजा अबतक कोर्ट जाने की कोई हिम्मत नहीं दिखा पाया ।