
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से घर पर अकेले रह रहे वृद्धजनों के लिए नई पहल की गई है। ऐसे वृद्धजनों के लिए घर पहुंचे सेवा ‘फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार’ योजना चलाई जा रही है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम नक्सल प्रभावित इलाकों में घर-घर पहुंच कर मरीजों की फिजियोथेरेपी कर रही है। बस्तर संभाग के कोंडागांव प्रदेश का पहला ऐसा जिला है,जहां मरीजों को घर पहुंच सेवा दी जा रही है। अब तक 710 मरीजों का इलाज किया जा चुका है।
बस्तर संभाग का कोंडागांव जिला एक आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्र है। यहां प्रतिदिन जीवनयापन के लिए परिवार के सदस्यों को घरों से दूर जाना पड़ता है। ऐसे में वृद्धजनों के देखभाल के लिए दिनभर कोई भी घर पर नहीं होता। ऐसी स्थिति में उन ग्रामीण वृद्धजनों के बीच और भी दिक्कतें बढ़ जाती थी, जो बुढ़ापाजनित समस्याओं के चलते चलने-फिरने में अक्षम होते थे। जिन्हें फिजियोथेरेपी के प्रथम चरण की तत्काल आवश्यकता होती थी।
ऐसे लाचार वृद्ध ग्रामीणजनों को कोरोना काल में एचडब्लूसी अंतर्गत शील्डिंग के तहत घर पहुंच स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का कार्यक्रम चलाया गया था। जिसमें पाया गया कि वृद्धजनों एवं कुछ अन्य रोगों से ग्रसित मरीजों को तुरंत फिजियोथेरेपी की स्वास्थ्य सुविधा दी जाए। परिस्थिति को देखते हुए कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन में ऐसे मरीजों के उपचार के लिए ‘फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार‘ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार योजना की शुरुआत प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से किया गया था। इसके लिए पुरानी 108 गाड़ी में आवश्यक मशीनों की स्थापना कर वाहन को फिजियोथेरेपी के लिए आवश्यक सुविधाओं से युक्त किया गया। इसके बाद रोस्टर तैयार कर फिजियोथेरेपिस्ट, सहायक एवं ड्रायवर को प्रति बुधवार जिले के 5 चिन्हांकित गांवों में फिजियोथेरेपी वाहन के माध्यम से कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। अब तक इस कार्यक्रम अंतर्गत 26 स्वास्थ्य शिविरों से 710 मरीजों का उपचार किया गया है।