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पटना: तानाशाही को सलाम नहीं, लालू गुलाम नहीं, लालू के ताबड़तोड़ ट्विट

पटना , चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा पा चुके आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इन दिनों ट्विटर पर अपने कॉमेंट्स को लेकर काफी चर्चित हैं। फिलहाल लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं और उनके जमानत के लिए हाई कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की जा चुकी है लेकिन उनके ट्विटर हैंडल से किए जाने वाले दिलचस्प ट्वीट अक्सर मोदी सरकार को निशाने पर लेते रहते हैं। पिछले हफ्ते कबीर के दोहे के जरिए लालू के हैंडल से तंज कसा गया था। आरजेडी अध्यक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार पर ट्विटर के जरिए हमला बोला है।
केंद्र की मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाने और खुद के न झुकने का ऐलान करते हुए लालू के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट में कहा गया है, तानाशाह और तानाशाही को किया सलाम नहीं लालू इंसान पैदा हुआ है कौनो गुलाम नहीं।
इससे पहले 16 जनवरी को आरजेडी अध्यक्ष ने कबीर के दोहों के जरिए तंज कसते हुए कहा, कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हंसे हम रोये। ऐसी करनी कर चलो, हम हंसे जग रोये। कबीर के इस दोहे के जरिए लालू ने यह बताने की कोशिश की थी कि जब हम पैदा होते हैं तो हम रो रहे होते हैं और और लोग खुशी से हंसते हैं। अब हमें कुछ ऐसा कर जाना है कि हमारे बाद लोग हमें याद कर रोएं।
23 दिसंबर 2017 को लालू ने अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कहते हुए लिखा, साथ हर बिहारी है अकेला सब पर भारी है सच की रक्षा करने को लालू का संघर्ष जारी है। मरते दम तक सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ता रहूंगा। जगदेव बाबू ने गोली खाई, हम जेल जाते रहते है लेकिन मैं झुकूंगा नहीं। लड़ते-लड़ते मर जाऊंगा लेकिन मनुवादियों को हराऊंगा।
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा था, सामंतीवादी ताकतों, जानता हूं, लालू तुम्हारी राहों का कांटा नहीं, आंखों की कील है। इतनी आसानी से नहीं उखाड़ पाओगे।
6 जनवरी 2018 को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो को चारा घोटाले से जुड़े 89.27 लाख रुपये की अवैध निकासी के देवघर ट्रेजरी केस में साढ़े तीन साल जेल और पांच लाख जुर्माने की सजा का ऐलान किया था। वहीं 3 अक्टूबर 2013 को चाईबासा ट्रेजरी केस में उनको पांच साल की सजा हो चुकी है।
 

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