छतरपुरमध्यप्रदेश

Kalicharan Maharaj के पीए के मोबाइल लोकेशन ने कराई गिरफ्तारी, पढ़िये पुलिस की जांच की पूरी कहानी

गांधी और इस्लाम के बारे में विवादित बयान देने वाले कालीचरण महाराज को कुछ दिन बाद ही रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि पुलिस की इस तत्परता के पीछे सीएम भूपेश बघेल का निजी दखल भी रहा. क्योंकि जितनी जल्दी पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया, उतनी तेजी शायद ही किसी दूसरे मामलों में पुलिस दिखाती हो. खैर, हम यहां आपको वो कहानी विस्तृत रूप से बताने जा रहे हैं, जिसके वजह से कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी हुई.

पुलिस की ये इन्वेस्टिगेशन रविवार रात करीब 12 बजे टिकरापारा थाने में अपराध दर्ज होने के बाद तब शुरू हुई, जब छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने खुद इसकी एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस की टीम सबसे पहले टिकरापारा के पुजारी पार्क पहुंची। आयोजन समिति ने कालीचरण महाराज को वहीं ठहराया था। वहां कालीचरण महाराज नहीं मिले। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि वह शाम को 7 बजे के बाद से ही वहां नहीं आए हैं पुलिस को कुछ लोगों ने बताया कि वे किसी कार से महाराष्ट्र रवाना हो गए हैं. आईजी आनंद छाबड़ा ने स्थिति भांपते हुए आधी रात ही आनन-फानन में बैठक बुलायी. बड़े अधिकारियों ने एक टीम को बुलाकर पूरे ऑपरेशन की प्लानिंग की.

पुलिस की इस हाई प्रोफाइल मीटिंग में ये खाका तैयार किया गया कि, कालीचरण तक कैसे पहुंचना है और किस तरह सावधानी से गिरफ्तार कर लाना है । इस बीच आधी रात को ही कालीचरण महाराज का रेलवे स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे का फुटेज मिल चुका था. ये भी पता चल गया था कि कालीचरण महाराज मध्य प्रदेश जाने वाली ट्रेन में बैठकर रवाना हुए हैं. इसके बाद सोमवार तड़के एक टीम भोपाल रवाना कर दी गई. इस बीच पुलिस की तकनीकी टीम ने कालीचरण महाराज के दोनों साथियों और पीए का मोबाइल नंबर हासिल किया, जिससे उसे  लोकेशन निकालने में मदद मिली. क्योंकि कालीचरण महाराज का मोबाइल भले ही बंद था, लेकिन पीए ने अपने मोबाइल का स्विच ऑफ नहीं किया था.

मोबाइल का लोकेशन भी भोपाल में मिला. भोपाल रेलवे स्टेशन पर पूछताछ के दौरान ये पता चला कि कालीचरण महाराज ने एक टैक्सी बुक की थी. करीब 24 घंटे पतासाजी करने के बाद पुलिस को टैक्सी चालक मिल गया. की खोजबीन शुरू की. टैक्सी ड्राइवर ने शुरुआत में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की.  लेकिन बाद में उसी के साथ पुलिस खजुराहो के पास बागेश्वर धाम के पास स्थित पल्लवी लॉज लेकर पहुंची. हालांकि यहां पुलिस को कालीचरण महाराज नहीं मिले. पूछताछ करने पर पता चला कि कालीचरण महाराज ने अपना पहला वीडियो वहीं से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया था.

लेकिन पल्लवी लॉज पहुंचने के बाद पुलिस फिर खाली हाथ हो गई. इधर छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल भी पूरे मामले की जानकारी ले रहे थे. उन्होने खुले मंच से कालीचरण महाराज को न सिर्फ चुनौती दी, बल्कि उन्होने आत्मसमर्पण करने के लिए भी कहा. इधर पुलिस की टीम मध्यप्रदेश के खजुराहो में ही मौजूद थी. इसी बीच कालीचरण के पीए के मोबाइल का वहीं बागेश्वर धाम के आस-पास लोकेशन मिला. पुलिस के अफसरों को अनुमान हो गया कि वह वहीं आस-पास छिपे हैं. पुलिस के जवान भक्त बनकर बागेश्वर धाम पहुंचे. वहां पहुंचकर जवानों ने बताया कि वे बाहर से आए हैं. और उन्हें बाबा से मिलना है. आश्रम में बताया गया कि वे बाहर हैं, लेकिन अगर आ भी गए तो वे तुरंत उनसे नहीं मिल सकेंगे. उन्हें मिलने के लिए 1 लाख से ज्यादा की वेटिंग है. इसके साथ ही पुलिस अफसरों को आभास हो गया था कि कालीचरण अभी आश्रम में नहीं है, लेकिन यहीं कहीं आस-पास ही है.

पुलिस की टीम वहीं मौजूद रही. कालीचरण महाराज की पतासाजी करते हुए पुलिस को तीन दिन हो चुके थे. पुलिस लगातार मोबाइल की लोकेशन से उन्हें खोजने का प्रयास कर रही थी. मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही पुलिस को पता लगा कि 29 दिसंबर को एक मकान में कालीचरण महाराज का मोबाइल चालू हुआ है. पुलिस के जवान उस घर में भी भक्त बनकर पहुंच गए. जवानों ने उनसे कालीचरण के बारे में पूछा. वहां पता चला उनका सामान रखा है, लेकिन वे नहीं हैं. जवानों ने मकान मालिक से आग्रह किया कि वे उन्हें भी एक कमरा एक रात के लिए दे दें. वे बड़ी दूर से आए हैं. मकान के कमरे एक तरह से गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं, इसलिए मकान मालिक ने पुलिस के जवानों को कमरा दे दिया. इसके बाद पुलिस के दो जवान उसी कमरे में ठहर गए. वे रात दो बजे तक जागते रहे, लेकिन कालीचरण महाराज या उनका पीए वहां नहीं आया. मप्र में डेरा डालकर बैठी टीम यहां के आला अफसरों से सीधे टच में थी. अफसर एक-एक गतिविधियों की मॉनीटरिंग कर रहे थे. रात 2 बजे के बाद आला अफसरों ने रिस्क उठाने का फैसला किया. उन्होंने जवानों को निर्देश दिया कि वे उस मकान मालिक को उठाकर पूछें कि कालीचरण महाराज अब तक क्यों नहीं आए हैं.

पुलिस के जवानों ने मकान मालिक को बहाने से उठाया और कहा कि उन्हें इमरजेंसी आ गई है. जल्दी घर लौटना है, बाबा कहां हैं बताओ, हम मिलकर अभी घर रवाना होना चाहते हैं. इसके बाद मकान मालिक ने उन्हें बताया कि वहीं करीब 2 किलोमीटर दूर कालीचरण महाराज ने एक और कमरा किराए पर लिया है. अभी वे वहीं हो सकते हैं. पुलिस की टीम उसी के साथ वहां पहुंची. आस-पास मौजूद पूरी टीम को वहीं बुलवा लिया गया।. पूरे मकान को घेर कर सावधानी से द्वार खुलवाया गया. जैसे ही दरवाजा खुला, पूरी टीम भीतर घुस गई. कालीचरण अपने पीए के साथ वहीं मौजूद थे. इसके बाद पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया. शुरुआत में कालीचरण महाराज और उनके चेलों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और कहा कि आपको हमारे साथ आना ही होगा. जिसके बाद कालीचरण महाराज को साथ लेकर उसी वक्त पुलिस रायपुर के लिए रवाना हो गई.

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