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मुंबई : सेंसेक्स लाइव टुडे: सेंसेक्स में मामूली उछाल, निफ्टी में सुस्ती

मुंबई : मौजूदा सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन में शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ खुला है। सेंसेक्स 13 अंकों की बढ़त के साथ 36,364 के स्तर पर खुला है, जबकि निफ्टी मामूली गिरावट के साथ 10,955 के स्तर पर खुला है। इससे पहले गुरुवार शाम को भी सेंसेक्स 22.21 अंक गिरकर 36,351 और निफ्टी 23 अंक फिसलकर 10957 पर बंद हुआ था।

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हालांकि गुरुवार को सुबह शेयर बाजार करीब 100 अंकों की तेजी के साथ खुला था, लेकिन शाम तक यह स्थिति गिरावट में तब्दील हो गई। गौरतलब है कि पहली बार 36,000 के आंकड़े को पार करने के बाद शेयर बाजार में यह मामूली कमजोरी दिखी है। गौरतलब है कि रुपया भी डॉलर के मुकाबले पहली बार 69 रुपये के अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है।

2 ) मुंबई : रेटिंग एजेंसियों का ऑडिट करेगा भारतीय रिजर्व बैंक

मुंबई :  कंपनियों के दिवालिया होने और बैंकों के लोन पर बड़े नुकसान झेलने के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर रेग्युलेटरी सख्ती बढ़ सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इन कंपनियों का रेग्युलर ऑडिट और जांच करेगा क्योंकि इनकी दी गई रेटिंग का कंपनियों की फंडिंग कॉस्ट पर असर पड़ता है। अब तक ऐसे ऑडिट सिर्फ सेबी करता था। वह 1999 से रेटिंग एजेंसियों की मॉनिटरिंग करता आ रहा है।
आरबीआई ने हाल में सेबी के साथ रेटिंग एजेंसियों के जॉइंट ऑडिट और इंस्पेक्शन के फैसले की जानकारी दी थी। उसने उन्हें शार्प डाउनग्रेड से बचने की सलाह दी थी, जिससे निवेशकों को झटका लगता है। आरबीआई ने रेटिंग एजेंसियों को कंपनियों के बेहतर रेटिंग की खातिर चालबाजी को लेकर भी आगाह किया था। यह जानकारी इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने दी है।

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बैंकों की सहमति से तैयार दिवालिया कंपनी के रिजॉल्यूशन प्लान के आधार पर इन कंपनियों के बॉन्ड की रेटिंग करने का अधिकार भी इन एजेंसियों को दिया गया है। इसके बाद रिजर्व बैंक ने इनकी ऑडिट का फैसला किया है। हालांकि, रिजर्व बैंक के एक प्रवक्ता ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।

रिजर्व बैंक ने इनकी ऑडिट का फैसला किया है

वहीं, इस इंडस्ट्री से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, रेटिंग एजेंसियों को कंपनियां सारी सूचनाएं नहीं देती हैं। इससे कंपनियों की रेटिंग करने में उन्हें परेशानी होती है। हाल के वर्षों में एमटेक ऑटो और आरकॉम की डेट रेटिंग डाउनग्रेड को लेकर इनकी आलोचना हुई थी। रेटिंग एजेंसियां रिजर्व बैंक को समय-समय पर सूचनाएं देती हैं। यह पता नहीं है कि आरबीआई कब और कैसे इनका ऑडिट करेगा और वह किन मानकों पर ध्यान देगा।

एमटेक ऑटो और आरकॉम की डेट रेटिंग डाउनग्रेड को लेकर आलोचना हुई

अभी जो सिस्टम है, उसके मुताबिक सभी रेटिंग एजेंसियों को सेबी के पास रजिस्ट्रेशन कराना होता है, जबकि बैंकिंग रेग्युलेटर उन्हें लोन, कमर्शल पेपर जैसे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और लेटर्स ऑफ क्रेडिट की रेटिंग के लिए एक्रेडिएशन देता है। लोन रेटिंग की बैंकों के लिए काफी अहमियत है क्योंकि बिना रेटिंग वाले लोन पर रिस्क वेटेज अधिक होता है। इससे बैंकों के कैपिटल एडिच्ेसी लेवल पर असर पड़ता है। देश में करीब 25 हजार कंपनियों की रेटिंग हुई है, जिनमें से आधी को इनवेस्टमेंट ग्रेड से नीचे का माना गया है।

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