छत्तीसगढ़सुकमा

नक्सलियों के इस गढ़ में पहली बार सुकमा जिले में लहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों की मेहनत रंग लाई और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार तिरंगा फहराया गया. दरअसल सुकमा देशभर में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है. यहीं पर एक गांव है पालमाडगू, जो पुलिस स्टेशन पोलमपल्ली के अंतर्गत आता है.

यह इलाक़ा कभी नक्सलियों का गढ़ रहा है. यहां नक्सलियों की तूती बोलती थी. सुरक्षा बलों पर जितने भी बड़े हमले हुए थे, उनके तार इसी गांव से जुड़े थे. नक्सलियों का कहर इतना ज्यादा था कि भारतीय सुरक्षा बल इस गांव में कदम नहीं रख पाए थे. हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर नक्सली एलान करते थे कि इस गांव में तिरंगा न फहराया जाए.

पिछले कुछ महीनों में सीआरपीएफ ने यहां जो सघन अभियान चलाया है, उसने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है. नक्सलियों के शीर्ष कमांडर मारे जा रहे हैं और उनके एक-एक ठिकाने ध्वस्त होते जा रहे हैं.

इसी कड़ी में कुछ दिनों पहले इस गांव में सीआरपीएफ ने नक्सलियों का सफाया किया और जनता के बीच अपनी जगह बनाने की मिशन की शुरुआत कर दी. नतीजा यह हुआ कि 70वें गणतंत्र दिवस पर पहली बार भारतीय तिरंगा इस गांव में फहराया गया.

सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के अंतर्गत इस इलाके के आसपास के ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है. गांव वालों के साथ उन्हीं की मौजूदगी में यहां राष्ट्रगान गाया गया. सुरक्षाबलों को लगातार इनपुट मिलता जा रहा है कि अपनी घटती ताकत को देखते हुए नक्सली कोई बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं. लिहाजा इस इलाके को नक्सलियों से मुक्त करना उनके लिए एक बड़ी कामयाबी है. देश के इन सबसे दुर्गम इलाकों में तिरंगा फहराना भारत के नागरिकों के लिए शान की बात है.

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