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नईदिल्ली : आखिरकार छह साल बाद इस पाकिस्तानी खिलाड़ी ने कबूली मैच फिक्सिंग की बात

नई दिल्ली : पूर्व पाकिस्तानी लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने छह वर्ष पुराने स्पॉट फिक्सिंग मामले में एसेक्स टीम साथी मेर्विन वेस्टफील्ड के साथ स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों में अपनी संलिप्तता को आखिरकार स्वीकार कर लिया है।
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड(ईसीबी) ने कनेरिया को इस मामले में आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन छह वर्ष पुराने मामले में अब जाकर कनेरिया ने अपनी संलिप्तता को स्वीकार कर लिया है। 37 वर्षीय क्रिकेटर ने अल जज़ीरा समाचार चैनल से साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार किया है। हाल ही में इस चैनल ने भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका के क्रिकेटरों और अधिकारियों के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में फिक्सिंग को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी।

कनेरिया ने कहा, मेरा नाम दानिश कनेरिया है और मैं ईसीबी द्वारा 2012 में अपने ऊपर लगाये गये दोनों आरोपों को स्वीकार करता हूं। मैंने इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकारने के लिये खुद को बहुत मजबूत बनाया है क्योंकि आप सारा जीवन झूठ के साथ नहीं बिता सकते हैं।

फिक्सिंग के दौरान 23 साल के वेस्टफील्ड भी इस मामले में दोषी पाये गये थे जिन्होंने माना था कि सितंबर 2009 में डरहम के खिलाफ प्रो40 मैच के एक ओवर में उन्होंने निश्चित रन देने के लिये 6000 पाउंड रिश्वत स्वीकार की थी। उन्हें इस मामले में दोषी पाये जाने के बाद जेल जाना पड़ा था। दानिश और वेस्टफील्ड को 2010 में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों के साथ अनु भट नामक शख्स ने फिक्सिंग के लिये संपर्क किया था जिसे अंतरराष्ट्रीय वैश्विक संस्था अवैध सट्टेबाज़ी के लिये काफी समय से तलाश रही थी।

 

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