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नईदिल्ली : पूर्व पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ी को दिल्ली के अस्पताल की नि:शुल्क इलाज की पेशकश

नई दिल्ली :  हृदय की गंभीर समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान की हाकी टीम के पूर्व कप्तान मंसूर अहमद ने एक दिन पूर्व भारत में हृदय प्रत्यारोपण कराने के लिए मदद मांगी थी और अगले दिन ही भारत के कई अस्पताल एवं संगठनों ने उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया। मंसूर गंभीर हृदय रोग से पीडि़त हैं और उन्होंने अपने इलाज के लिए भारत में मदद की गुहार करते हुए वीडियो जारी किया था।
समझा जा रहा है कि उन्हें कुछ साल पूर्व लगाए गए पेसमेकर एवं स्टेंट के कारण अब हृदय संबंधित समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में दिल्ली के अस्पताल कालरा हास्पिटल एंड एसआरसीएनसी ने पाकिस्तान के बीमार हाकी लीजेंड को उनके रुग्ण हृदय का नि:शुल्क इलाज करने की पेशकश दी है।

इलाज के लिए भारत में मदद की गुहार करते हुए वीडियो जारी किया था

अस्पताल की ओर से इस आशय का एक पत्र भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास को सौंपा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि मंसूर को तत्काल चिकित्सा की जरूरत है और मंसूर मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मौजूदा राजनीतिक एवं समाजिक तनावों के बावजूद उन्हें भारत से सहायता मिलेगी।

आशय का एक पत्र भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास को सौंपा गया है

कालरा हास्पिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय भट्टाचार्य ने बताया कि प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट एवं कालरा हास्पिटल एंड एसआरसीएनसी के निदेशक डा. आर. एन. कालरा ने पाकिस्तानी हाकी टीम के पूर्व कप्तान के नि:शुल्क उपचार की पेशकश की है। मीडिया रिपोटरें के अनुसार चेन्नई हाकी एसोसिएशन एवं चेन्नई के कुछ सर्जनों ने भी मंसूर को मदद देने की पेशकश की है। साल 1992 ओलम्पिक खेलों में मंसूर ने पाकिस्तान की हॉकी टीम के साथ कांस्य पदक जीता था। इसके आलावा, वह सिडनी में 1994 में हुए विश्व कप को जीतने वाली पाकिस्तानी टीम का हिस्सा थे।

चेन्नई के कुछ सर्जनों ने भी मंसूर को मदद देने की पेशकश की है

मीडिया रिपोटरें के अनुसार मंसूर ने करीब चार या पांच साल पहले सर्जरी कराई थी, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। गत माह उनकी स्थिति और बिगड़ गई और उनका इलाज करने वाले चिकित्सक ने कहा कि हृदय प्रत्यारोपण ही एकमात्र समाधान है। उनका इलाज कराची स्थित जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कालेज में चल रहा है और उनकी चिकित्सकीय स्थिति की रिपोर्ट भारत के अलावा अमरीका के कैलिफोर्निया के कुछ अस्पतालों को भेजी गई है।

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