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नईदिल्ली : इंदु मल्होत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की ली शपथ

नई दिल्ली : वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ ली। इसी के साथ वह सुप्रीम कोर्ट में सीधे जस्टिस बनने वाली पहली महिला अधिवक्ता बन गईं हैं। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इंदु के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या अब 25 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश समेत 31 न्यायाधीशों की संख्या स्वीकृत है। इंदु ने सुप्रीम कोर्ट के अदालत संख्या एक में आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली।

सुप्रीम कोर्ट में सीधे जस्टिस बनने वाली पहली महिला अधिवक्ता बन गईं हैं

गौरतलब है कि कॉलिजियम ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की नियुक्ति की भी सिफारिश की थी। जस्टिस जोसेफ और मल्होत्रा की उन्नति की सिफारिशें लगभग तीन महीने पहले की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफारिश करने की फाइल 22 जनवरी को कानून मंत्रालय पहुंची। फरवरी के प्रथम सप्ताह में शुरू हुई स्वीकृति की प्रक्रिया में केवल इंदु मल्होत्रा का नाम आगे बढ़ सका है।

2) नईदिल्ली : क्या आप जेटली से जिरह करना चाहते हैं

नई दिल्ली :  दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को आप के असंतुष्ट नेता कुमार विश्वास से जानना चाहा कि क्या वह डीडीसीए विवाद में उनके खिलाफ केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में अरुण जेटली से जिरह करना चाहते हैं। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और 4 अन्य पहले ही माफी मांग चुके हैं। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ ने विश्वास के वकील से कहा कि वह 3 मई को सुनवाई की अगली तारीख पर आप नेता को पेश करें।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और 4 अन्य पहले ही माफी मांग चुके हैं

हाई कोर्ट ने 3 अप्रैल को केजरीवाल और आप के 4 अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि के 2 मुकदमों को बंद कर दिया था, जब समझौते की एक संयुक्त अर्जी अदालत के समक्ष पेश की गई थी। निचली अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में आप के बागी नेता कुमार विश्वास को छोडक़र मुख्यमंत्री और अन्य को बरी कर दिया था।

संयुक्त अर्जी अदालत के समक्ष पेश की गई थी

गुरुवार की सुनवाई के दौरान जेटली की ओर से उपस्थित अधिवक्ता माणिक डोगरा ने कहा कि विश्वास का मामला अकेला नहीं टिक सकता क्योंकि आप के शेष नेता पहले ही माफी मांग चुके हैं। उन्होंने कहा कि विश्वास केजरीवाल द्वारा अपने बचाव में दी गई दलील का सहारा नहीं ले सकते क्योंकि मुख्यमंत्री पहले ही माफी मांग चुके हैं और उनके और 4 अन्य के खिलाफ अब मुकदमा नहीं रहा।

केजरीवाल द्वारा अपने बचाव में दी गई दलील का सहारा नहीं ले सकते

जस्टिस एंडलॉ ने कहा कि वादी के वकील का कहना है कि केजरीवाल ने सभी आरोप वापस ले लिए हैं और चूंकि विश्वास ने केजरीवाल के लिखित वक्तव्य पर भरोसा किया है, इसलिए कुमार विश्वास के संबंध में आरोप का अस्तित्व नहीं है। विश्वास को 3 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने दें। अदालत ने जेटली के वकील की दलील पर भी गौर किया कि अगर विश्वास उनसे जिरह करना चाहते हैं तो ऐसा विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया जा सकता है।

विश्वास को 3 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने दें

हाई कोर्ट ने 3 अप्रैल को जेटली, केजरीवाल और आप के 4 नेताओं- राघव चड्ढा, संजय सिंह, आशुतोष और दीपक बाजपेयी के 10 करोड़ रुपये की मानहानि के मुकदमे में संयुक्त समझौते की अर्जी मंजूर कर ली थी। यह वाद जेटली ने केजरीवाल और आप के 5 अन्य नेताओं के खिलाफ दायर किया था। अदालत ने हालांकि कहा था कि विश्वास के खिलाफ मानहानि का मुकदमा जारी रहेगा क्योंकि उन्होंने मामले में समझौता करने की पेशकश नहीं की।

जेटली ने केजरीवाल और आप के 5 अन्य नेताओं के खिलाफ दायर किया था

जेटली ने दिसंबर 2015 में केजरीवाल और आप के 5 अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इन नेताओं ने जेटली के दिल्ली एवं जिला क्रिकेट असोसिएशन (डीडीसीए) का अध्यक्ष रहने के दौरान उसमें वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए थे। बीजेपी नेता ने सभी आरोपों का खंडन किया था।

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