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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने मन की बात में की किसानों, छात्रों, उद्योग और आंबेडकर की बात

नई दिल्ली :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। अपने 42वें मन की बात में उन्होंने किसानों के साथ सामाजिक कार्य करने वाले कुछ खास लोगों का जिक्र किया। पीएम ने कार्यक्रम की शुरुआत में देशवासियों को रामनवमी की बधाई दी और कहा कि राम भारतीयों के हृदय में हैं। गांधी भी राम से प्रेरणा लेते थे। पीएम मोदी ने कोमल ठक्कर नाम के शख्स की तरफ से आए संस्कृत के ऑनलाइन कोर्स शुरू करने पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘कोमल जी संस्कृत के प्रति आपका प्रेम देखकर बहुत अच्छा लगा। मैंने संबंधित विभाग से इस ओर हो रहे प्रयासों की जानकारी आप तक पहुंचाने के लिए कहा है। मन की बात के श्रोता जो संस्कृत को लेकर काम कर रहे हैं वो भी विचार करें कि कोमल जी के सुझाव को कैसे आगे बढ़ाया जाए। पीएम मोदी ने कहा, ‘असम के करीमगंज के एक रिक्शा चालक अहमद अली ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर गरीब बच्चों के लिए नौ स्कूल बनवाए हैं। यह देशवासियों की अदम्य इच्छाशक्ति है। स्कूलों के निर्माण के लिए एक इंजिनियर बेटी ने अपनी पहली सैलरी दे दी। कुछ महिलाओं ने अपने जेवर दे दिए। जब मुझे कानपुर के डॉक्टर अजीत मोहन चौधरी की कहानी सुनने को मिली कि वो फुटपाथ पर जाकर गरीबों को देखते हैं। यह इस देश के बन्धुभाव को महसूस करने का अवसर है। प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए कहा कि किसानों को फसल की उचित कीमत मिले इसके लिए देश में एग्रीक्लचर मार्केटिंग रिफॉर्म पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम हो रहा है। पीएम मोदी ने उद्योगों के विकास पर जोर देते हुए कहा, ‘राष्ट्र निर्माण में बाबा साहेब की बड़ी भूमिका है। बाबासाहेब आंबेडकर ने भारत के औद्योगिकीकरण की बात कही थी। उनके लिए उद्योग एक ऐसा प्रभावी-माध्यम था, जिसमें गरीब-से-गरीब व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता था। आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में के ब्राइट स्पॉट के रूप में उभरा है और आज पूरे विश्व में सबसे ज्यादा स्नष्ठढ्ढ भारत में आ रहा है।

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