तीसरी लहर के बीच आक्सीजन प्लांट को मेंटेन न करना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के साथ बड़ा खिलवाड़
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रति किस हद तक दुराग्रह की राजनीति पर उतर आई है, यह प्रधानमंत्री केयर फंड के 49 ऑक्सीज़न प्लांट के मेंटेनेंस के लिए उसके हाथ खड़े कर देने से स्पष्ट हो रहा है। कौशिक ने कहा कि पीएम केयर फंड से स्थापित इन ऑक्सीज़न प्लांट की देखरेख नहीं होने से अब प्रदेशभर के लोगों को यह चिंता हो रही है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर पर यह प्रदेश सरकार किस तरह क़ाबू पाएगी। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश को बताएं कि क्या छत्तीसगढ़ पूरी तरह कंगाल हो चुका है? पीएम केयर फंड से स्थापित इन ऑक्सीज़न प्लांट की मौजूदा दौर में कभी भी बेहद आवश्यकता पड़ सकती है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंक के मद्देनज़र ही ये प्लांट्स तेजी से स्थापित किए गए हैं ताकि आपदा काल में प्रदेश की जनता को तक़लीफ़ न हो।
कौशिक ने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसे आपदाकाल को भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार घोर लापरवाही का परिचय देकर राजनीतिक अवसर में बदलने की बदनीयती का प्रदर्शन कर रही है। राज्य अपने ऑक्सीज़न प्लांट्स का मेंटेनेंस करके पीएम केयर फंड के प्लांट्स लिए बजट का रोना रो रही है। कौशिक ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार के पास पीएम केयर फंड के ऑक्सीजन प्लांट्स के रखरखाव के लिए पैसे नहीं हैं तो फिर सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने सवाल किया कि अगर कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग के लिए भी प्रदेश सरकार पैसों के लिए रूदालियों की तरह प्रलाप कर रही है तो प्रदेश का पैसा आखिर जा कहाँ रहा है? पिछले तीन सालों में यह प्रदेश सरकार जो 52 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा का कर्जा लेकर बैठी है, वह पैसा कहाँ चला गया? क्यों प्रदेश के जन-स्वास्थ्य के साथ कांग्रेस की सरकार खिलवाड़ करने पर आमादा है? एक तरफ प्रदेश सरकार कोरोना गाइडलाइन का न तो खुद पालन करती है और न ही लोगों से उसका पालन सख्ती से नहीं कराती, समय पर ठोस और सही निर्णय तक नहीं लेती, वहीं दूसरी तरफ कोरोना उपचार के लिए जरूरी उपकरण व प्लांट्स को मेंटेन करने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में मशगूल है। कौशिक ने कहा कि यह स्थिति छत्तीसगढ़ के लिए बेहद दुखद है और प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य और अनावश्यक बोझ बन गई है।