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EVM को लेकर विपक्ष ने खोला मोर्चा, ‘देश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ की बैठक

नई दिल्ली

  • लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को लेकर सियासत तेज़ हो गई है. विपक्षी पार्टियां चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जगह बैलेट पेपर की मांग कर रही है.
  • इसी कड़ी में दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में ईवीएम के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की बैठक हो रही है. ‘सेव द नेशन, सेव द डेमोक्रेसी’ (देश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ) की बैठक में विपक्षी दल ईवीएम की संयुक्त रणनीति पर चर्चा करेंगे.
  • इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रेन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी, आरजेडी पार्टियों के कई नेता शामिल हुए. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियां ने ईवीएम को लेकर छेड़छाड़ का आरोप उठती आई हैं.
  • इसके साथ ही पार्टियों ने आगामी लोक सभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलट पेपर के इस्तेमाल की मांग की.
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता सतीश चंद्र हाथ मिलते हुए नज़र आये. बता दें कि विपक्षी पार्टियां पहले भी दावा कर चुकी हैं कि दुनिया में दो-तीन देशों ही ईवीएम का इस्तेमाल करते हैं और बाकि देश चुनाव में बैलट पेपर का इस्तेमाल करते हैं.
  • ये नेता बैठक में मौजूद
    गुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल (कांग्रेस), शरद पवार (एनसीपी) , रामगोपाल यादव (समाजवादी पार्टी) , शरद यादव (एलजेडी), संजय सिंह (आम आदमी पार्टी), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस) आदि मौजूद हैं.
  • ईवीएम की विश्वसनीयता पर चुनाव आयोग पहले ही अपना रुख साफ़ कर चुका है. पूर्व चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताया. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये जाना गलत करार दिया. उन्होंने साफ़ किया कि वह बैलट पेपर के युग में नहीं जाने वाले.
  • बता दें कुछ दिन पहले SKYPE के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शख्स ने दावा किया था कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था, क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था. शख्स की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है. उसने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके.
  • कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, आप, टीडीप समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी मामले पर गंभीर चिंता जताई और चुनाव आयोग से इसका संज्ञान लेने को कहा.

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