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पटना : शराब और गुटखे के बाद अब खैनी पर प्रतिबंध लगाएगी नीतीश सरकार

पटना :  बिहार सरकार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर खैनी को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएसए), 2006 के अंतर्गत लाने के लिए कहने की योजना बना रही है। यह कदम तंबाकू के शुद्ध रूप, खैनी की खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए उठाया जाएगा। 21 मई को, स्वास्थ्य विभाग ने एक वर्ष के लिए गुटखा और पान मसाला (तंबाकू और निकोटीन के साथ) के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था। स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने कहा, ‘कानून कहता है कि तम्बाकू या निकोटीन से जुड़े किन्हीं खाद्य पदार्थों के उत्पादन की अनुमति नहीं दी जा सकती। खैनी शुद्ध तम्बाकू है।

खैनी की खपत पर प्रतिबंध

अगर केंद्र सिफारिश स्वीकार करता है, तो खैनी को एफ एसएसए के तहत विनियमित किया जाएगा। इसी साल गठित किए गए केंद्र के ड्रग अब्यूज प्रिवेंशन टास्क फोर्स ने गुरुवार को दिल्ली में पहली बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सचिव प्रीती सुदान ने की। राज्य सरकार के सहयोग के साथ तंबाकू की खपत पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए संगठन सीड्स ने खैनी को एफ एसएसए के अंतर्गत आने वाले खाद्य पदार्थों में शामिल करने को कहा। सीड्स के कार्यकारी निदेशक दीपक मिश्रा ने कहा, ‘2016-17 के ग्लोबल अडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार राज्य की आबादी का 25.9 प्रतिशत हिस्सा विभिन्न रूपों में तंबाकू का प्रयोग करता है और उनमें से 20.4 प्रतिशत खैनी के आदी हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने बैठक में खैनी के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा है। एफएसएसए अधिकारी इसे फूड प्रॉडक्ट के रूप में वर्गीकृत करने की संभावना तलाशेंगे।

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