पेईचिंग : चीन ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ उसके संबंधों में बड़ी संभावनाएं हैं और उच्चस्तरीय आदान-प्रदान के बाद संबंधों में नई प्रगति हुई है। चीन और भारत बीते साल 73 दिनों के सैन्य गतिरोध की वजह से संबंधों में आई खटास को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। यह बात दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों के बढ़े दौरे से स्पष्ट है। इसमें बीते सप्ताह हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का दौरा भी शामिल है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, इस साल दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में चीन-भारत संबंध तेजी से बढ़े हैं। हमने सभी स्तरों पर करीब से आदान-प्रदान और समग्र सहयोग में नई प्रगति देखी है। उन्होंने कहा, जैसा कि आप ने कहा, राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य यांग जिची ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल से शंघाई में मुलाकात की और 11वें संयुक्त आर्थिक समूह की बैठक और 5वें सामरिक आर्थिक वार्ता का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। हुआ चीनी मीडिया द्वारा भारत-चीन संबंधों में गर्मजोशी को लेकर एक सवाल का जवाब दे रही थीं।
उन्होंने कहा, दोनों विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों ने भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने सीमापार नदियों और सीमा के मामलों की कार्य प्रणाली पर बैठक की। यह बातचीत दिखाती है कि चीन और भारतीय व्यापक रूप से आम हित के मुद्दों को साझा करते हैं और हमारे द्विपक्षीय सहयोग में बड़ी संभावनाएं हैं। हुआ ने कहा, चीन भारत के साथ संबंधों के विकास को बड़ा महत्व देता है
और हम नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू करने के लिए साथ काम करना पसंद करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के लिए सही रास्ता अपनाने, ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा के संग्रह, सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और तेज विकास सुनिश्चित करना शामिल है। भारतीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस महीने के अंत में चीन का दौरा करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जून में चीन का दौरा करेंगे।
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