रांची : दुमका मामले में लालू प्रसाद दोषी करार, जगन्नाथ मिश्र बरी
रांची : चारा घोटाला के दुमका कोषागार केस में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद दोषी करार दिए गए हैं, जबकि बिहार के पूर्व मु्ख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बरी कर दिया गया है. इससे पहले लालू प्रसाद को रिम्स से सीबीआई कोर्ट लाया गया और फैसला सुनाया गया. बीते 17 मार्च को जेल में तबीयत बिगडऩे के बाद आरजेडी सुप्रीमो को रिम्स में भर्ती कराया गया था.
सीबीआई कोर्ट का फैसला
लालू प्रसाद-दोषी, जगन्नाथ मिश्र- निर्दोष, ध्रुव भगत- निर्दोष, लाल मोहन प्रसाद- निर्दोष, मनोरंजन प्रसाद-दोषी, एमसी वेदी-दोषी, निहाल चंद्र सुवर्णो- निर्दोष,सप्लायर अजित कुमार शर्मा- दोषी, नंद किशोर प्रसाद-दोषी, सप्लायर अरुण कुमार सिंह- दोषी, ओपी दिवाकर- दोषी, राधा मोहन मंडल-दोषी, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद- निर्दोष,
क्या है दुमका कोषागार मामला
दुमका में पशुपालन पदाधिकारियों, प्रशासनिक अफसरों और राजनेता की मिलीभगत से आपूर्तिकर्ताओं ने 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच कोषागार से 3 करोड़ 76 लाख की अवैध निकासी की थी.यह निकासी जिले के गांवों और कस्बों में पशुओं की खाद्य सामग्री, दवा व कृषि उपकरणों के वितरण के नाम पर की गई थी जबकि उस दौरान धन आवंटन की अधिकतम सीमा मात्र एक लाख 50 हजार थी.
49 आरोपियों में से 14 की हो चुकी है मौत
इस मामले करीब 22 वर्षों तक सीबीआई की अदालत में चली. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर करीब दो सौ गवाहों को पेश किया. 49 आरोपियों में तीन सरकारी गवाह बन गए, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है जबकि दुमका के तत्कालीन कमिश्नर एसएन दुबे पर लगे आरोप ऊपरी अदालत से निरस्त हो गए.
बताया जाता है ट्रॉयल के दौरान कुल 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है. इस केस में संयुक्त बिहार के दो पूर्व सीएम लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र सहित कुल 31 आरोपी हैं. इनमें पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, तत्कालीन लोक लेखा समिति के अध्यक्ष ध्रुव भगत व जगदीश शर्मा के नाम भी शामिल हैं.
देवघर और चाईबासा मामले में काट रहे सजा
चारा घोटाला के देवघर और चाईबासा मामले में लालू प्रसाद को सजा सुनाई जा चुकी है. देवघर मामले में साढ़े तीन साल और चाईबासा केस में पांच साल की सजा लालू यादव रांची की होटवार जेल काट रहे हैं.