4 फरवरी से वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की तैयारी
देश में मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस (Train 18) को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच में 4 फरवरी को चलाने की तैयारी की जा रही है. इससे पहले नई दिल्ली से वाराणसी के बीच 2 फरवरी को टाइम ट्रायल किया जाएगा. इस ट्रेन को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच ट्रेन को 8 घंटे में पहुंचाने का ट्रायल किया जा रहा है. ट्रेन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद करेंगे. वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया शताब्दी ट्रेनों के मुकाबले 45 फ़ीसदी ज्यादा रखे जाने की संभावना है. सेमी बुलेट ट्रेन- वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की अब तक की सबसे तेज ट्रेन होगी. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
रेलवे के आला अफसरों के मुताबिक, 2 फरवरी को वंदे भारत एक्सप्रेस को नई दिल्ली से सुबह 6:00 बजे वाराणसी के लिए रवाना किया जाएगा. यह ट्रेन नई दिल्ली से कानपुर होते हुए इलाहाबाद पहुंचेगी जहां इसका 10 मिनट का स्टॉपेज होगा. इसके बाद ट्रेन मिर्जापुर होते हुए वाराणसी पहुंचेगी. ट्रेन को दोपहर 2:00 बजे तक वाराणसी पहुंचाने का टारगेट दिया गया है.
India's first Semi-High Speed, Self-Propelled train, built under PM @NarendraModi's Make in India initiative, will be known as the 'Vande Bharat Express' – Indian Railways contribution in building a New Indiahttps://t.co/WkK9mQevxF pic.twitter.com/18pQt1AgbH
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 27, 2019
160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का सेफ्टी सर्टिफिकेट
गौरतलब है, वंदे भारत एक्सप्रेस को वंदे भारत एक्सप्रेसमें बनाया गया है. चेन्नई के इस कारखाने में जब इस ट्रेन को बनाया गया था तो इसका नाम ट्रेन 18 दिया गया था. ट्रेन को सेमी बुलेट ट्रेन की कैटेगरी में रखा जाता है. इस ट्रेन को भारतीय रेलवे ने दिल्ली से आगरा के बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर सीसीआरएएस की मौजूदगी में चला कर टेस्ट किया है. हाल ही में सीसीआरएएस ने ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलने के लिए सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी कर दिया है.
आधुनिक सुविधाओं से लैस है वंदे भारत एक्सप्रेस
वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच और यह सभी कोच आपस में जुड़े हुए हैं. इनमें तमाम अत्याधुनिक सुख सुविधाएं हैं. इस ट्रेन मे दो एग्जीक्यूटिव कोच होंगे, जिनमें 52 सीट्स होंगी. बाकी 14 चेयर कार कोच, जिनमें 78 सीट होंगी. पूरी की पूरी ट्रेन में शताब्दी की तरह सिर्फ और सिर्फ बैठने के लिए ही इंतजाम किया गया है. वंदे भारत एक्सप्रेस में शारीरिक रूप से परेशान लोगों के लिए खास व्यवस्था की गई है.