
अंबिकापुर . शहर के गाड़ाघाट इलाके में मंगलवार सुबह एक मामले में निलंबित आरक्षक की पत्नी का घर के गेस्ट रूम के बाथरूम में संदिग्ध हालत में फांसी पर शव लटका मिला। घटना के समय आरक्षक दीनदयाल सिंह पुलिस लाइन स्थित हनुमान मंदिर में पूजा करने गए थे। घटना से पहले मृतका ज्योति सिंह 32 दोनों बच्चों को स्कूल भेज कर आई थी।
जिस समय घटना हुई घर पर सास मौजूद थी। करीब पौने 11 बजे गेस्ट रूम से पत्नी के बाहर नहीं निकलने की खबर पर दीनदयाल मंदिर से घर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो कमरे के बाथरूम में ज्योति का शव फांसी से लटका था। उसका शव रोशनदान से दुपट्टा से फांसी पर लटका मिला, जबकि पास में ही कुर्सी भी पड़ी थी। घटना की जानकारी पर एसपी व पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। कमरे की तलाशी ली लेकिन वहां से मामले से जुड़ी कोई दूसरा सामान नहीं मिला, जिससे आत्महत्या के कारण का पता चल सके।
पुलिस व अन्य सूत्रों के अनुसार सुबह दोनों बच्चों को स्कूल भेजने के बाद ज्योति घरेलू काम कर रही थी। इधर दीनदयाल पुलिस लाइन स्थित हनुमान मंदिर में पूजा करने चले गए। पिता मोहल्ले में ही दूध लेने गए थे। घर में दीनदयाल की मां व ज्योति थी। ज्योति करीब 10 बजे घर का काम खत्म करने के बाद सास को बताकर सेकेंड फ्लोर पर स्थित गेस्ट रूम में चली गई। इस बीच आरक्षक के पिता दूध लेकर आ गए। काफी समय बाद जब ज्योति नीचे नहीं आई तो उन्होंने आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अंदर से दरवाजा भी बंद था।
पिता ने फोन कर बुलाया तो आरक्षक ने कमरे का दरवाजा तोड़ा : आवाज देने के बाद भी जब ज्योति ने कोई जवाब नहीं दिया तो अनहोनी की आशंका से पिता ने फोन कर आरक्षक को बताया। वे मंदिर से घर पहुंचे और उन्होंने भी आवाज दी। कोई जवाब नहीं मिलने पर दीनदयाल ने धक्का देकर दरवाजे को तोड़ा। अंदर पत्नी का शव फांसी से लटका हुआ था। बाथरूम में प्लास्टिक की कुर्सी रोशनदान के नीचे रखी हुई थी।