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रायपुर : नक्सली समस्या बस्तर से बढक़र मुख्यमंत्री के गृह जिले तक पहुंची – भूपेश बघेल

रायपुर : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय दिक्षण बस्तर में कुछ ब्लाको में जो नक्सल समस्या थी वो बढक़र पूरे बस्तर को और अब मुख्यमंत्री के गृह जिले कवर्धा तक नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल हो चुका है। यह रमन सरकार कीे नक्सल नीति की बड़ी असफलता है। रमन सिंह जो विकास के मॉडल की बात करते है, यदि विकास होता तो नक्सल प्रभावित क्षेत्र इतना नहीं बढ़ पाता। ये मुख्यमंत्री रमन सिंह की घोर असफलता है। प्रधानमंत्री भी आये थे और नये नयी रेल का उदघाटन किया, लेकिन आज पुरानी रेल चल रही है।

नक्सल नीति की बड़ी असफलता है

मंच में जिस ढ़ंग से आदिवासी महिला को चरण पादुका पहनाया गया इसे नरेन्द्र मोदी जी दिल्ली से नही लाये थे ना रमन सिंह के सरकार ने इसे दिया है। ये तो उन्हीं तेंदुपत्ता तोडऩे वालों की मेहनत का पैसा है जो उन्होंने तेंदुपत्ता तोड़ा उसका पैसा है जिसे सरकार अपने खजाना में रखकर ब्याज खाती है।

मजदूर ही मेहनत के बोनस के पैसे से ही चरण पादुका खरीदी गयी जिसे उसे पहनाया गया। ये केवल ढकोसला दिखावा मात्र और जिस प्रकार से वहां कार्यक्रम आयोजित हुआ है बीजापुर में वो सारे जितने उदघाटन किये थे सारे के सारे बंद है। ना उनसे क्षेत्र को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है न लोगो को लाभ मिल पा रहा है और सब ठप्प है। अभी नोटबंदी जैसे हलात पूरे प्रदेश पूरे देश में फिर से बने है जब नोट बंदी हुयी थी।

पैसे से ही चरण पादुका खरीदी गयी

 

लोगो के पास पैसे थे लेकिन चल नहीं रहे थे। नये नोट मिल नहीं रहे थे। अभी कर्नाटक चुनाव को देखते हुये सारे पैसे भाजपा के लोग वहीं सप्लाई कर रहे है इस कारण है पूरे देश में नोटों की कमी हो गयी है कृत्रिम रूप से सरकार ने पैसे की कमी का वातावरण बनाया है। नोटबंदी ठीक उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले हुयी थी और अभी कर्नाटक चुनाव के पहले भी इसी प्रकार से माहौल बन रहा है। उनका एक मात्र उद्देश्य है जनता भले ही भाजपा को न चाहे, भाजपा को किसी भी प्रकार से चुनाव जितना है लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनावों में उसे भारी असफलता मिलेगी।

मोदी और शाह दोनो की जोड़ी कर्नाटक में भी पटकनी खायेंगे। जिस प्रकार से बिहार, दिल्ली, पंजाब में पटकनी खाये है। राहुल का जो 24 अप्रैल का दौरा कार्यक्रम है उसे कर्नाटक चुनावों में राहुल जी की व्यस्तता के कारण स्थगीत किया गया है और मई के तीसरे चैथे सप्ताह में दौरे का कार्यक्रम फिर से बनना संभावित है।

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