रायपुर : लोकतंत्र की ताकत क्या होती है, बस्तर के लोगों ने साबित कर दिया-मोदी

रायपुर : हिन्दुस्तान में लोकतंत्र की ताकत क्या होती है इसे छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगली इलाको में रहने वाले आदिवासियों ने सिद्ध कर दिया है। यहां के लोगों ने मतदान करके हिंसा के रास्ते चलने वाले लोगों को करारी चोट दी है। जिस तरह से बस्तर के लोगों ने साहस, उमंग व उत्साह के साथ पहले चरण के चुनाव में बढ़-चढक़र वोट डाले है उसे देखकर मैं गर्व अनुभव करता हूं। लोकतंत्र के प्रति यहां के लोगों की आस्था को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के जिला अंबिकापुर में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहीं।
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प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अंबिकापुर आने का सौभाग्य उन्हें दूसरी बार मिला है। इससे पहले वे लोकसभा चुनाव के दौरान आया था। श्री मोदी ने कहा कि उस समय मेरी सभा के लिए यहां के कलाकारों द्वारा लाल किला बनाया था जो यहां की जनता के भाव का प्रतीक था। उस मंच पर मैंने यहां भाषण दिया था। मैंने भाषण अंबिकापुर में दिया था लेकिन नींद दिल्ली वालों की हराम हो गई थी। मैं हैरान था कि जितनी अंबिकापुर में मेरी सभा की चर्चा हुई उतनी चर्चा कभी मेरी कोई सभा की नहीं हुई। दिल्ली वालों की परेशानी यहीं थी एक पिछड़े इलाके जहां आदिवासी भाई रहते है ऐसे इलाके में कोई लाल किले का प्रतीक कैस बना सकता है। इस बात पर उनका गुस्सा अभी तक उतरा नही, वह यहां की जनता पर उतरेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सजा देने का मौका आया हैं। जिन लोगों ने अंबिकापुर को बदनाम किया उसका हिसाब मांगेंगे। उन्हें चुन-चुन कर घर भेजेंगें। उन्होंने कहा कि राजदरबारियों को एक ही गीत गाने का शौक लग गया है उन्हें अंबिकापुर और छग के लोग ही गहरी चोट पहुंचा सकते है।
प्रधानमंत्री ने पहले चरण में बस्तर संभाग की 12 सीटों पर भारी मतदान पर खुशी जताते हुए कहा कि पहले राउंड चुनाव के समय मैंं यहां आया था और देखा कि किस प्रकार से प्रथम चरण के मतदान को लेकर लोगों में उमंग, उत्साह एवं विकास के लिए वोट देने का संकल्प प्रथ है। एक तरफ बम, बंदूक का भय दिखाया जा रहा था, लोगों को मौत के घाट उतारने का निर्लज प्रयास हो रहा था। लेकिन हिन्दुस्तान के गली-गलीयारों में लोकतंत्र के प्रति आस्था कितनी गहरी है लोकतंत्र ही जनता की समस्या का समाधान करने का उत्तम से उत्तम रास्ता है। यह बस्तर में हुए मतदान ने बता दिया है। श्री मोदी ने कहा कि आज छग की धरती पर यहां आया हूं तो सबसे पहले लोकतंत्र के प्रति यहां की जनता की श्रद्धा का धन्यवाद देने। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की ताकत को बस्तर के जंगल रहने वालों ने सिद्ध कर दिया है। हिंसा के रास्ते जनता के अधिकारों को दबोचने वालों को करारी चोट दीं है। इसके लिए मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता है और मैं गर्व अनुभव करता हूं कि लोकतंत्र के प्रति यहां के नागरिकों की आस्था का।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण में बस्तर में हुआ मतदान बहुत बड़ी प्रेरणा है। बस्तर के लोगों ने हिम्मत दिखायी है जिसका हम सबको को समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बस्तर के लोगों के साहस का समर्थन हम 20 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान में बस्तर से अधिक रिकार्ड तोड़ मतदान कर के जाहिर कर सकते है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भाजपा पर चंद अमीरों को लाभ पहुंचाने का काम करने का लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा कि कोई भी सरकार क्या अमीरों के लिए होती है। अगर अमीर चाहे तो वे अपने बच्चों को बड़े शहर में बड़े होटल में रखकर पढ़ा सकते है। अमीर चाहे तो इलाज के लिए हवाई यात्रा से दूसरे देश में जाकर महंगा से महंगा इलाज करा सकते है लेकिन नहीं सरकार गरीबों के लिए होती है।
सरकार के सहारे से ही गरीब अपने बच्चों को पढ़ा सकते है, मुफ्त में इलाज करा सकते है। गरीब के लिए एक मात्र सहारा सरकार ही होती है। उन्होंने कहा कि सडक़े शहर में हो और गांव में नहीं तो गांव में विकास का लाभ कैसे पहुंचेगा। नागरिकों के लिए सरकार चुनने का एक मानदंड होता है वह यह कि सरकार अपने पराये का भेद तो नहीं करती है, तेरे-मेरे, अपने-पराये, गांव-शहर के बीच में भेद तो नहीं करती। उन्होंने कहा कि किसी भी तराजू में देख लिजिए एक मात्र भाजपा पार्टी ऐसी है जो बिना भेदभाव, तेरे-मेरे, अपने-पराये, किसी भी प्रकार का भेद किए बिना एक मंत्र को लेकर चल रही सबका साथ सबका विकास। हमें साथ भी सबका चाहिए और विकास भी सबका करना है। सिर्फ उनका नहीं जो हमें वोट दिए है बल्कि उनका भी जो वोट नहीं दे पाते है क्यों वे भी मेरे छग के है। इस विचार को लेकर हमने काम किया है।