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पुलिस की पहली प्राथमिकता महिलाओं की सुरक्षा होनी चाहिए : रतन लाल डांगी

रायपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस पुलिस अकादमी चंद्रखुरी में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के विवेचक एवम् राजपत्रित अधिकारियों को महिला सुरक्षा एवं उनके विरुद्ध घटित अपराध के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.

 राष्ट्रीय अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरो के निर्देशन में आयोजित पाँच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर  संबोधित करते हुए अकादमी के निदेशक श्री रतन लाल डांगी ने ये बात कही। श्री डांगी ने कहा कि जब तक महिलाओं में उनके विरुद्ध घटित होने वाली घटनाओं का भय एवं डर ख़त्म नहीं किया जाएगा तब तक न ही समाज एवं न राष्ट्र का विकास हो पाएगा।

उन्होने कहा कि महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिए पुलिस के विवेचक एवं राजपत्रित अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होती है की वो महिला संबंधी किसी भी प्रकार के अपराध घटित होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल अपराध दर्ज कर विवेचना करके अपराधियों के खिलाफ मामले को ठोस सबूतों के साथ न्यायालय में पेश करे ।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि पुलिस को ऐसे सार्वजनिक स्थान जैसे स्कूल, कॉलेज, बस स्टैंड, भीड़-भाड़ वाले स्थानों, बाज़ार या अन्य जगहों पर जहाँ महिलाओं की उपस्थिति बनी रहती है, लगातार पुलिस के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर असामाजिक तत्वों पर निगाह रखनी चाहिए। उन्होनें आगे कहा कि पुलिस अधिकारियों को इस बात पर भी गर्व महसूस करना चाहिए कि भगवान ने उनको सुरक्षा देने के लिए चुना है। पुलिस के रूप में आम नागरिकों एवं कमज़ोर लोगों की सुरक्षा के लिए आपको अवसर दिया है। इस दायित्व को पूरा करने के लिए आपको शासन ने वैधानिक अधिकार भी दिए हैं । उन अधिकारों का सदुपयोग करके महिलाओं में आत्म-विश्वास पैदा करना चाहिए।

इस पाँच दिवसीय कार्यशाला में सभी पुलिस अधिकारियों को महिलाओं से संबंधित कानूनी प्रावधानों में नवीनतम संशोधनों एवं वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रक्रियाओं से अवगत कराया जाएगा। साथ ही माननीय न्यायालयों द्वारा प्रसारित दिशा निर्देश के संबंध में भी बताया जाएगा।

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