नईदिल्ली : चांद-तारे वाले हरे झंडे फहराने पर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने की रोक लगाने की मांग
नई दिल्ली : शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दाखिल कर चांद-तारे वाले हरे रंग के झंडों को फहराने पर रोक की मांग की है। इन झंडों को धार्मिक इमारतों पर फहराया जाता है। याचिकाकर्ता की अपील है कि यह झंडा धार्मिक नहीं है और यह पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग के झंडे से मिलता-जुलता है।
इन झंडों को धार्मिक इमारतों पर फहराया जाता है
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के अनुसार चांद-तारे वाला यह हरा झंडा कभी भी इस्लाम का हिस्सा नहीं रहा और लोगों को अपने देश में पाकिस्तान के झंडे को फहराने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। झंडे में आधा चांद और सितारे पाकिस्तान के प्रतीक जैसे लगते हैं। आधा चांद और सितारे इस्लाम के साथ तब जुड़ गए जब ओटोमन इम्पायर ने इसे अपनाया था।
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झंडे का प्रदर्शन शायद अपमानजनक न हो लेकिन अथॉरिटीज का मानना है कि यह प्रतिबंधित संस्थाओं का समर्थन करता है जिससे काननू व्यवस्था से संबंधित दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। जब 2014 में श्रीनगर में आतंकी संगठन आईएसआईएस का झंडा फहराया गया था तो पुलिस ने अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ऐक्ट 1967 के सेक्शन 13 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इसके तहत 5 साल की सजा का प्रावधान है।