छग के विधायकों को मिलता है इतना वेतन,मासिक तनख्वा से ज़्यादा तो मिलती हैं यह सुविधाएं और भत्ता !
विधायकों को मिलता है इतना वेतन

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों हमारे प्रदेश के विधायकों को आप शानो-शौकत के साथ बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमते देखते होंगे। किसी दूसरे प्रदेश जाने पर हवाई सफर करना इनके लिए आम बात है। मगर एक जनसेवक होने के नाते इनकी मासिक तनख्वा क्या इतनी होती होगी जिससे यह अपना स्टेटस मेंटेन कर पाएं ? अक्सर इसे लेकर एक बड़ा सा प्रश्नचिन्ह बना रहता है कि आखिर हमारे विधायकों को वेतन कितना मिलता होगा ? तो फोर्थ आई न्यूज़ आपको बताने जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के विधायकों को सिर्फ मासिक वेतन ही नहीं बल्कि कुछ विशेष भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिलतीं हैं।
इसके पहले आपको यह भी बता दें कि 28 अगस्त साल 2020 में हमारे छत्तीसगढ़ के विधायकों को मिलने वाले वेतन को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक संशोधन पारित हुआ था. जिसके बाद विधायकों के वेतन में बढ़ोत्तरी हुई है। हम इसी वर्तमान वेतन के आधार पर आपको आंकड़े बताने जा रहे हैं। विधायकों के वेतन की बात करें तो उन्हें वेतन के रूप में मंथली मात्र 20 हजार रुपए ही मिलते हैं। मगर निर्वाचन क्षेत्र के लिए उन्हें 30 हजार रुपए हर महीने अलग से दिए जाते हैं। इसके अलावा टेलीफोन बिल के रूप में पांच हजार रुपए हर मंथ इन्हें मिलते हैं। अर्दली भत्ता के रूप में विधायक के खाते में 15 हजार रुपए प्रतिमाह आते हैं। दैनिक भत्ता के रूप में एक विधायक को प्रतिदिन एक हजार रुपए के हिसाब से महीने के 30 हजार रुपए तो यही मिल जाते हैं।
छत्तीसगढ़ के विधायकों को चिकित्सा भत्ता के रूप में 10 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. ऐसे में अगर सभी भत्तों के साथ विधायक के वेतन की बात करें. तो छत्तीसगढ़ के हर विधायक को प्रतिमाह एक लाख 10 हजार रुपए की एक फिक्स सैलरी मिलती है। इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का कोई भी विधायक अगर विधानसभा सत्र या शासन की किसी मीटिंग में राज्य या राज्य के बाहर शामिल होने जाते हैं तो उनको मीटिंग के एक दिन पहले से लेकर मीटिंग के एक दिन बाद मतलब तीन दिन के लिए एक हजार रुपए प्रतिदिन की दर से अलग भत्ता मिलता है।
यदि कोई विधायक किसी शासकीय मीटिंग या विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए अपने स्वयं के रजिस्ट्रेशन की गाड़ी से जाते हैं तो उनको उनके वाहन भत्ता के रूप में 10 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से भत्ता मिलता है। विधायकों को रेलवे कूपन और हवाई यात्रा के लिए भी सरकारी खजाने से भत्ता मिलता है. इसके तहत विधायक राज्य के भीतर या बाहर अपने एक सहयोगी के साथ रेल या हवाई यात्रा कर सकता है. इसके लिए सरकारी खजाने से इनको एक फाइनेंशियल ईयर में बोर्डिंग समेत 8 लाख रुपए के कूपन दिए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों को अपने एक सहयोगी के साथ निजी बसों में यात्रा के लिए बस कूपन या पास दिया जाता है. जिसके बाद बस मालिक महीने भर के बस कूपन को कलेक्टर के पास जमा करते हैं और कलेक्टर कार्यालय द्वारा इन कूपन का पेमेंट बस मालिकों को किया जाता है. आवास सुविधा के नाम पर छत्तीसगढ़ के विधायकों को यह सुविधाएं मिलती हैं. इस सुविधा के अनुसार विधायकों को राजधानी रायपुर में विधायक विश्राम गृह की सुविधा है. अगर कोई विधायक इन विश्राम गृह में रहता है तो उनको मात्र 3 रुपये प्रतिदिन की दर से किराया चुकाना होता है. लेकिन अगर वो विश्रामगृह में न रहकर राजधानी रायपुर में खुद के आवास की व्यवस्था करते हैं तो उनको सरकार 30 हजार रुपये प्रतिमाह पेमेंट करती है.
यह तो कुछ नहीं आपको आगे बताते हैं। छत्तीसगढ़ के विधायकों को डाकघर और बैंकिग की सुविधा भी दी जाती है. इसके लिए विधानसभा सचिवालय में भारतीय स्टेट बैंक और डाकघर की विस्तार पटल शाखा स्थापित की गई है। रेलवे टिकट आरक्षण सुविधा के लिए विधानसभा सचिवालय में कंप्यूटरीकृत आरक्षण काउंटर उपलब्ध हैं। विधानसभा सचिवालय में विधायकों के लिए हॉस्पिटल की सुविधा उपलब्ध है। विधानसभा परिसर में आधुनिक इक्यूपमेंट के साथ जिम की सुविधा उपलब्ध है। विधायक खुद का वाहन खरीदने के लिए एसबीआई या किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंकों से 20 लाख तक का लोन ले सकते हैं. खास बात ये है कि वाहनों के लोन का मात्र 2 परसेंट ब्याज विधायकों को चुकाना है. बाकी का ब्याज राज्य सरकार अनुदान के रूप में चुकाएगी।
घर निर्माण या खरीदने के लिए भी विधायकों को सुविधा दी जाती है. जिसके तहत छत्तीसगढ़ का कोई भी विधायक स्टेट बैंक या किसी भी नेशलन बैंक से 15 लाख का लोन ले सकता है. जिसके लिए उसको मूलधन के साथ केवल 2 फीसदी ब्याज बैंकों में जमा करेगा. इसके अलावा लोन का पूरा ब्याज सरकार अनुदान के रूप में देगी। छत्तीसगढ़ के विधायकों को किचन का सामान खरीदने के लिए भी प्रावधान है. इसके तहत वो 5 साल में 6 हजार रुपये के किचन के सामान भी खरीद सकते हैं।
चिकित्सा सुविधा के लिए प्रदेश के प्रत्येक विधायक को पूरी छूट है. कोई भी विधायक और उनके परिवार के आश्रित सदस्य प्रदेश के किसी भी शासकीय अस्पताल में मुफ्त में अपना इलाज करा सकते हैं. इसके साथ अगर वो प्रदेश के बाहर भी इलाज कराते हैं तो प्रदेश के लोक स्वास्थ सेवाओं के संचालक के अनुमोदन के बाद उनके द्वारा बाहर राज्य में कराए गए इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी.
छत्तीसगढ़ के विधायकों को कुटुम्ब पेंशन का भी लाभ मिलता है. जिसमें किसी विधायक या पूर्व विधायक की मृत्यु के बाद से उसके परिवार के आश्रित या पति-पत्नी को 15 वर्ष तक 25 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पेंशन दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित कैंटीन से प्रदेश का कोई भी विधायक अपने एक कार्याकाल के दौरान कोई भी तीन गाड़िया खरीद सकता है.
ये तो हुई जो विधायक वर्तमान में हैं उनकी बात मगर जब इनका कार्यकाल समाप्त हो जाता है और यह माननी पूर्व विधायाक की श्रेणी में आते हैं तब भी इनकी पाँचों तो नहीं मगर कुछ उँगलियाँ ज़रूर घी में रहतीं हैं। आपको बता दें कि विधायक पूर्व या भूर्तपूर्व भी हो जाता है तो भी उसको बहुत सी सुविधाएं और भत्ता सरकारी खजाने से दिया जाता है. इसमें सबसे पहले बात करते हैं पेशन की. विधायक जब पूर्व हो जाता है तो उसको पहले पांच साल तक 35 हजार रुपये पेंशन के रूप में दिया जाता है. इसके बाद 6 से 10 साल तक 300 रुपये प्रतिमाह, 11-15 साल के लिए 400 रुपये प्रतिमाह औऱ 16 या उसके अधिक सालों में पेंशन की राशि 500 रुपये प्रतिमाह दी जाती है।
ऐसे ही चिकित्सा भत्ता के रुपये 15 हजार रुपये, चिकित्सा सुविधा के रूप में पूर्व विधायकों को वर्तमान विधायकों की तरह सुविधा प्राप्त हैं. रेलवे और हवाई कूपन में राज्य के अंदर या बाहर जाने के लिए एक साल में बोर्डिंग समेत 4 लाख रुपये का खर्च सरकार वहन करती है. बस सुविधा औऱ कुटुम्ब पेंशन के लिए वर्तमान विधायकों के जैसी ही सुविधा भूर्तपूर्व सदस्यों (विधायकों) को मिलती है।